दूसरा राजा 21:1-26
21 मनश्शे+ जब राजा बना तब वह 12 साल का था और उसने यरूशलेम में रहकर 55 साल राज किया।+ उसकी माँ का नाम हेपसीबा था।
2 मनश्शे ने यहोवा की नज़र में बुरे काम किए। उसने उन राष्ट्रों के जैसे घिनौने काम किए+ जिन्हें यहोवा ने इसराएल के लोगों के सामने से खदेड़ दिया था।+
3 उसने वे ऊँची जगह फिर से बनवा दीं जो उसके पिता हिजकियाह ने ढा दी थीं।+ उसने बाल के लिए वेदियाँ खड़ी करवायीं और एक पूजा-लाठ* बनवायी,+ ठीक जैसे इसराएल के राजा अहाब ने किया था।+ मनश्शे आकाश की सारी सेना के आगे दंडवत करता था और उसकी पूजा करता था।+
4 उसने यहोवा के उस भवन में भी वेदियाँ खड़ी कर दीं+ जिसके बारे में यहोवा ने कहा था, “यरूशलेम से मेरा नाम जुड़ा रहेगा।”+
5 उसने यहोवा के भवन के दोनों आँगनों+ में आकाश की सारी सेना के लिए वेदियाँ खड़ी कीं।+
6 उसने अपने बेटे को आग में होम कर दिया। वह जादू करता था और शकुन विचारता था+ और उसने देश में मरे हुओं से संपर्क करने का दावा करनेवालों और भविष्य बतानेवालों को ठहराया था।+ उसने ऐसे काम करने में सारी हदें पार कर दीं जो यहोवा की नज़र में बुरे थे और उसका क्रोध भड़काया।
7 उसने जो पूजा-लाठ तराशकर बनवायी थी+ उसे ले जाकर यहोवा के भवन में रख दिया, जिसके बारे में परमेश्वर ने दाविद और उसके बेटे सुलैमान से कहा था, “इस भवन और यरूशलेम के साथ मेरा नाम हमेशा जुड़ा रहेगा, जिन्हें मैंने इसराएल के सभी गोत्रों के इलाके में से चुना है।+
8 मैं इसराएलियों को इस देश से निकालकर फिर कभी नहीं भटकाऊँगा जो मैंने उनके पुरखों को दिया था,+ बशर्ते वे मेरी सब आज्ञाओं को सख्ती से मानें,+ उस पूरे कानून को जो मेरे सेवक मूसा ने उन्हें दिया था।”
9 मगर उन्होंने परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानी और मनश्शे उन्हें सही राह से दूर ले जाता रहा और उन राष्ट्रों से भी बढ़कर दुष्ट काम करवाता रहा, जिन्हें यहोवा ने इसराएलियों के सामने से मिटा दिया था।+
10 यहोवा अपने सेवकों यानी भविष्यवक्ताओं के ज़रिए बार-बार उनसे कहता था,+
11 “यहूदा के राजा मनश्शे ने ये सारे घिनौने काम किए हैं। उसने उन सभी एमोरियों से बढ़कर दुष्टता की है+ जो उससे पहले हुआ करते थे।+ उसने घिनौनी मूरतें* खड़ी करवाकर यहूदा से पाप करवाया है।
12 इसलिए इसराएल का परमेश्वर यहोवा कहता है, ‘मैं यरूशलेम और यहूदा पर ऐसा कहर ढाऊँगा+ कि सुननेवालों के कान झनझना जाएँगे।+
13 मैं यरूशलेम को उसी नापने की डोरी से नापूँगा+ जिससे मैंने सामरिया को नापा था+ और उस पर वही साहुल इस्तेमाल करूँगा जो मैंने अहाब के घराने पर इस्तेमाल किया था।+ मैं यरूशलेम का ऐसा सफाया कर दूँगा जैसे कोई कटोरे को साफ कर देता है और उसे पोंछकर उलट देता है।+
14 मैं अपनी जागीर के बचे हुए लोगों को त्याग दूँगा+ और उन्हें उनके दुश्मनों के हवाले कर दूँगा। उन्हें बंदी बना लिया जाएगा और उनके सारे दुश्मन आकर उनकी चीज़ें लूट लेंगे+
15 क्योंकि उन्होंने मेरी नज़र में बुरे काम किए हैं और जिस दिन उनके बाप-दादे मिस्र से निकले थे तब से लेकर आज तक वे लगातार मेरा क्रोध भड़काते आए हैं।’”+
16 मनश्शे ने यहूदा के लोगों से ऐसे काम करवाए थे जो यहोवा की नज़र में बुरे थे। इस पाप के अलावा, उसने बेहिसाब मासूमों का खून बहाया। उसने यरूशलेम के एक छोर से दूसरे छोर तक खून की नदियाँ बहा दीं।+
17 मनश्शे की ज़िंदगी की बाकी कहानी, उसने जो-जो काम किए, उनका और उसके सभी पापों का ब्यौरा यहूदा के राजाओं के इतिहास की किताब में लिखा है।
18 फिर मनश्शे की मौत हो गयी* और उसे उसी के महल के बाग में, जो उज्जा का बाग कहलाता है, दफनाया गया।+ उसकी जगह उसका बेटा आमोन राजा बना।
19 जब आमोन+ राजा बना तब वह 22 साल का था और उसने यरूशलेम से यहूदा पर दो साल राज किया।+ उसकी माँ का नाम मशुल्लेमेत था जो योत्बा के रहनेवाले हारूस की बेटी थी।
20 आमोन अपने पिता मनश्शे की तरह यहोवा की नज़र में बुरे काम करता रहा।+
21 वह अपने पिता के ही नक्शे-कदम पर चला। वह उन घिनौनी मूरतों के आगे दंडवत करता था और उनकी पूजा करता था जिन्हें उसका पिता पूजता था।+
22 उसने अपने पुरखों के परमेश्वर यहोवा को छोड़ दिया और वह यहोवा की राह पर नहीं चला।+
23 बाद में आमोन के सेवकों ने उसके खिलाफ साज़िश रची और उसी के महल में उसका कत्ल कर दिया।
24 मगर देश के लोगों ने उन सबको मार डाला जिन्होंने राजा आमोन के खिलाफ साज़िश की थी। फिर उन्होंने आमोन की जगह उसके बेटे योशियाह को राजा बनाया।+
25 आमोन की ज़िंदगी की बाकी कहानी, उसने जो-जो काम किए, उनका ब्यौरा यहूदा के राजाओं के इतिहास की किताब में लिखा है।
26 आमोन को उज्जा के बाग में उसकी अपनी कब्र में दफनाया गया।+ उसकी जगह उसका बेटा योशियाह+ राजा बना।
कई फुटनोट
^ इनका इब्रानी शब्द शायद “मल” के लिए इस्तेमाल होनेवाले शब्द से संबंध रखता है और यह बताने के लिए इस्तेमाल होता है कि किसी चीज़ से कितनी घिन की जा रही है।
^ शा., “अपने पुरखों के साथ सो गया।”