सवाल 7
बाइबल में हमारे दिनों के बारे में क्या बताया गया है?
“एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र पर और एक राज्य दूसरे राज्य पर हमला करेगा। . . . ये सारी बातें प्रसव-पीड़ा की तरह मुसीबतों की सिर्फ शुरूआत होंगी।”
“कई झूठे भविष्यवक्ता उठ खड़े होंगे और बहुतों को गुमराह करेंगे। और दुष्टता के बढ़ने से कई लोगों का प्यार ठंडा हो जाएगा।”
“जब तुम युद्धों का शोरगुल और युद्धों की खबरें सुनो, तो घबरा न जाना। इन सबका होना ज़रूरी है मगर तभी अंत न होगा।”
“बड़े-बड़े भूकंप आएँगे और एक-के-बाद-एक कई जगह अकाल पड़ेंगे और महामारियाँ फैलेंगी। खौफनाक नज़ारे दिखायी देंगे और आकाश में बड़ी-बड़ी निशानियाँ दिखायी देंगी।”
“आखिरी दिनों में संकटों से भरा ऐसा वक्त आएगा जिसका सामना करना मुश्किल होगा। इसलिए कि लोग सिर्फ खुद से प्यार करनेवाले, पैसे से प्यार करनेवाले, डींगें मारनेवाले, मगरूर, निंदा करनेवाले, माता-पिता की न माननेवाले, एहसान न माननेवाले, विश्वासघाती, लगाव न रखनेवाले, किसी भी बात पर राज़ी न होनेवाले, बदनाम करनेवाले, संयम न रखनेवाले, खूँखार, भलाई से प्यार न करनेवाले, धोखेबाज़, ढीठ, घमंड से फूले हुए, परमेश्वर के बजाय मौज-मस्ती से प्यार करनेवाले होंगे, वे भक्ति का दिखावा तो करेंगे मगर उसके मुताबिक जीएँगे नहीं।”