अय्यूब 18:1-21

  • बिलदद का दूसरा भाषण (1-21)

    • दुष्टों का अंजाम बताया (5-20)

    • इशारा किया कि अय्यूब परमेश्‍वर को नहीं जानता (21)

18  जवाब में शूही बिलदद+ ने कहा,   “तू कब तक बोलता रहेगा? थोड़ा तो समझ से काम ले, तभी हमारी बातचीत का कोई फायदा होगा।   क्या तू हमें जानवर समझता है?+क्या हम तुझे बेवकूफ* नज़र आते हैं?   अगर तू गुस्से में अपने चिथड़े-चिथड़े कर ले,तो क्या तेरे न होने से धरती सुनसान हो जाएगी?चट्टान अपनी जगह से खिसक जाएगी?   दुष्ट की शमा बुझ जाएगी,उसकी जलती लौ ठंडी पड़ जाएगी।+   उसके डेरे में फैला उजाला अंधकार में बदल जाएगा,उसके घर का चिराग बुझ जाएगा।   तेज़ी से बढ़नेवाले उसके कदम धीमे पड़ जाएँगे,उसकी साज़िश उसे बरबाद कर देगी।+   वह बिछे हुए जाल की तरफ जाएगाऔर उसके पैर उसमें उलझकर रह जाएँगे।   फंदा उसकी एड़ी को जकड़ लेगा,जाल उसको फाँस लेगा।+ 10  ज़मीन पर उसके लिए रस्सी का फंदा छिपाया गया है,उसकी राह में जाल बिछाया गया है। 11  चारों तरफ से खौफ उसे डराएगा,+हाथ धोकर उसके पीछे पड़ा रहेगा। 12  उसकी ताकत धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी,बरबादी+ आने पर वह डगमगा जाएगा। 13  उसकी चमड़ी को सबसे जानलेवा बीमारी* खा जाएगीऔर उसके हाथ-पैरों को गला देगी। 14  जिस डेरे में वह महफूज़ रहता था, उसे वहाँ से निकालकर,+दर्दनाक मौत देने के लिए* ले जाया जाएगा। 15  अजनबी* उसके डेरे पर कब्ज़ा जमा लेंगे,उसके घर पर गंधक छिड़क दी जाएगी।+ 16  ज़मीन में उसकी जड़ें सूख जाएँगी,उसकी लहराती शाखाएँ मुरझा जाएँगी। 17  धरती से उसकी यादें मिट जाएँगी,गली-कूचों में उसका नाम नहीं लिया जाएगा।* 18  उसे उजाले से अँधेरे में धकेल दिया जाएगा,दुनिया से खदेड़ दिया जाएगा। 19  उसके न तो बच्चे रहेंगे, न ही आनेवाली पीढ़ियाँ,जहाँ वह रहता था, वहाँ उसका वंश चलानेवाला कोई न बचेगा। 20  जिस दिन उसका नाश होगा,पश्‍चिम के रहनेवालों का दिल दहल जाएगा,पूरब के लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएँगे। 21  बुरा करनेवाले के साथ यही होता है,जो परमेश्‍वर को नहीं जानता उसकी यही गत होती है।”

कई फुटनोट

या शायद, “अशुद्ध।”
शा., “मौत का पहलौठा।”
शा., “आतंक के राजा के पास।”
शा., “जो उसके यहाँ का नहीं है।”
शा., “उसका कोई नाम न होगा।”