आमोस 7:1-17

  • इसराएल का अंत करीब, इसके दर्शन (1-9)

    • टिड्डियाँ (1-3), आग (4-6), साहुल (7-9)

  • आमोस से कहा गया कि भविष्यवाणी करना बंद कर (10-17)

7  सारे जहान के मालिक यहोवा ने मुझे एक दर्शन दिखाया। मैंने देखा कि बाद की फसल* उगनी शुरू ही हुई थी कि उसने टिड्डियों का एक दल भेजा! राजा को देने के लिए घास की कटाई हो चुकी थी और यह फसल उसके बाद बोयी गयी थी।  जब टिड्डियों का दल देश की पूरी हरियाली चट कर गया तो मैंने कहा, “हे सारे जहान के मालिक यहोवा, दया करके लोगों को माफ कर दे!+ नहीं तो याकूब नहीं बच पाएगा क्योंकि वह कमज़ोर है!”+  इसलिए यहोवा ने अपने फैसले पर दोबारा गौर किया।*+ यहोवा ने कहा, “ठीक है, अब ऐसा नहीं होगा।”  सारे जहान के मालिक यहोवा ने मुझे यह दर्शन दिखाया: मैंने देखा कि सारे जहान के मालिक यहोवा ने हुक्म दिया कि आग बरसाकर सज़ा दी जाए! आग ने विशाल गहरे सागर को सुखा दिया और ज़मीन के एक हिस्से को भस्म कर दिया।  तब मैंने कहा, “हे सारे जहान के मालिक यहोवा, दया करके यह कहर रोक दे!+ नहीं तो याकूब नहीं बच पाएगा क्योंकि वह कमज़ोर है!”+  इसलिए यहोवा ने अपने फैसले पर दोबारा गौर किया।+ सारे जहान के मालिक यहोवा ने कहा, “ठीक है, अब यह भी नहीं होगा।”  परमेश्‍वर ने मुझे यह दर्शन दिखाया: मैंने देखा कि यहोवा एक दीवार पर खड़ा था जो साहुल लगाकर बनायी गयी थी! उसके हाथ में एक साहुल था।  यहोवा ने मुझसे पूछा, “आमोस, तू क्या देखता है?” मैंने कहा, “एक साहुल।” यहोवा ने कहा, “मैं अपनी प्रजा इसराएल पर एक साहुल लगाने जा रहा हूँ। अब मैं उन्हें और माफ नहीं करूँगा।+  इसहाक की ऊँची जगह+ उजाड़ दी जाएँगी और इसराएल के पवित्र-स्थान तहस-नहस कर दिए जाएँगे।+ मैं एक तलवार लिए यारोबाम के घराने पर हमला करूँगा।”+ 10  बेतेल के याजक अमज्याह+ ने इसराएल के राजा यारोबाम+ को यह संदेश भेजा: “आमोस इसराएल के घराने के बीच तेरे खिलाफ साज़िश कर रहा है।+ देश के लोग उसका संदेश अब और नहीं सह सकते।+ 11  क्योंकि आमोस कहता है, ‘यारोबाम तलवार से मारा जाएगा और इसराएल के लोगों को ज़रूर बंदी बनाकर अपने देश से ले जाया जाएगा।’”+ 12  फिर अमज्याह ने आमोस से कहा, “हे दर्शी, भाग यहाँ से। जा यहूदा देश जा, वहाँ जाकर रोटी कमा* और वहीं अपनी भविष्यवाणियाँ सुना।+ 13  मगर यहाँ बेतेल में फिर कभी भविष्यवाणी मत करना+ क्योंकि यहाँ राजा का पवित्र-स्थान+ और एक राज्य का मंदिर है।” 14  तब आमोस ने अमज्याह से कहा, “मैं न भविष्यवक्‍ता था, न भविष्यवक्‍ता का बेटा। मैं तो एक चरवाहा था+ और गूलर के पेड़ों की देखभाल करता था।* 15  मगर यहोवा ने मुझे झुंड चराने का काम छोड़कर आने के लिए कहा। यहोवा ने मुझसे कहा, ‘जाकर मेरी प्रजा इसराएल को भविष्यवाणी सुना।’+ 16  इसलिए अब यहोवा का संदेश सुन, ‘तू कहता है, “इसराएल के खिलाफ भविष्यवाणी मत कर+ और इसहाक के घराने के खिलाफ प्रचार मत कर।”+ 17  इसलिए यहोवा ने कहा है, “तेरी पत्नी शहर में वेश्‍या बन जाएगी और तेरे बेटे-बेटियाँ तलवार से मार डाले जाएँगे। तेरी ज़मीन नापने की डोरी से नापकर बाँट ली जाएगी और तू खुद एक अशुद्ध देश में मरेगा और इसराएल के लोगों को ज़रूर बंदी बनाकर अपने देश से ले जाया जाएगा।”’”+

कई फुटनोट

यानी जनवरी और फरवरी की फसल।
या “पछतावा महसूस किया।”
शा., “रोटी खा।”
या “गूलर के फलों में चीरा लगानेवाला था।”