उत्पत्ति 16:1-16

  • हाजिरा और इश्‍माएल (1-16)

16  अब्राम की पत्नी सारै के अब तक कोई बच्चा नहीं हुआ था।+ सारै की एक मिस्री दासी थी जिसका नाम हाजिरा+ था।  सारै ने अब्राम से कहा, “देख, यहोवा ने मेरी कोख बंद कर रखी है। इसलिए मेरी बिनती है कि तू मेरी दासी ले ले। हो सकता है उसके बच्चा होने से मेरी सूनी गोद भर जाए।”+ अब्राम ने सारै की बात मान ली।  अब तक अब्राम को कनान देश में रहते दस साल हो गए थे। सारै ने उसे अपनी मिस्री दासी हाजिरा दी ताकि वह उसकी पत्नी बने।  तब अब्राम ने हाजिरा के साथ संबंध रखे और वह गर्भवती हुई। जब हाजिरा को पता चला कि वह पेट से है, तो वह अपनी मालकिन को नीचा दिखाने लगी।  इस पर सारै ने अब्राम से कहा, “मेरे साथ जो बुरा सलूक किया जा रहा है, उसके लिए तू ज़िम्मेदार है। मैंने ही अपनी दासी तुझे दी थी। मगर जब से उसे पता चला कि वह गर्भवती है, वह मुझे नीचा दिखाने लगी है। अब यहोवा ही मेरे और तेरे बीच न्याय करे।”  अब्राम ने सारै से कहा, “देख, तू उसकी मालकिन है। तुझे उसके साथ जो सही लगे वही कर।” तब सारै अपनी दासी को नीचा दिखाने लगी और वह दासी उसके यहाँ से भाग गयी।  बाद में यहोवा के स्वर्गदूत ने वीराने में, शूर+ जानेवाले रास्ते पर एक सोते के पास हाजिरा को पाया।  स्वर्गदूत ने उससे पूछा, “सारै की दासी हाजिरा, तू कहाँ से आयी है और कहाँ जा रही है?” हाजिरा ने कहा, “मैं अपनी मालकिन सारै के यहाँ से भाग आयी हूँ।”  यहोवा के स्वर्गदूत ने उससे कहा, “तू अपनी मालकिन के पास लौट जा और नम्र होकर उसके अधीन रह।” 10  यहोवा के स्वर्गदूत ने उससे यह भी कहा, “मैं तेरे वंश* को इतना बढ़ाऊँगा कि कोई उसकी गिनती नहीं कर पाएगा।”+ 11  यहोवा के स्वर्गदूत ने उससे यह भी कहा, “तू जो गर्भवती है, तू एक बेटे को जन्म देगी। तू उसका नाम इश्‍माएल* रखना क्योंकि यहोवा ने तेरी दर्द-भरी पुकार सुनी है। 12  जब वह बड़ा होगा तो उसकी फितरत जंगली गधे* जैसी होगी। उसका हाथ सबके खिलाफ उठेगा और सबका हाथ उसके खिलाफ। और वह अपने सब भाइयों के सामने बसेरा करेगा।”* 13  फिर हाजिरा ने यहोवा का नाम पुकारा, जो उससे बात कर रहा था और कहा, “तू ऐसा परमेश्‍वर है जो सबकुछ देखता है,”*+ क्योंकि उसने कहा, “यहाँ मैंने सचमुच उसे देखा है जिसकी नज़र मुझ पर है।” 14  इसीलिए उस कुएँ का नाम बेर-लहै-रोई* पड़ा। (यह कुआँ कादेश और बेरेद के बीच है।) 15  हाजिरा ने अब्राम के बेटे को जन्म दिया और अब्राम ने उसका नाम इश्‍माएल रखा।+ 16  जब हाजिरा से इश्‍माएल पैदा हुआ तब अब्राम 86 साल का था।

कई फुटनोट

शा., “बीज।”
मतलब “परमेश्‍वर सुनता है।”
या “एक गोरखर,” जो एक किस्म का जंगली गधा है। मगर कुछ लोगों का मानना है कि यहाँ ज़ेब्रा की बात की गयी है। शायद यह जानवर मनमानी करने के रवैए को दर्शाता है।
या शायद, “अपने सब भाइयों से दुश्‍मनी करेगा।”
या “जो मुझे देखता है” या “जो प्रकट होता है।”
मतलब “उसका कुआँ जो जीवित है और मुझे देखता है।”