दिखाएँ बाइबल की किताबें उत्पत्ति निर्गमन लैव्यव्यवस्था गिनती व्यवस्थाविवरण यहोशू न्यायियों रूत 1 शमूएल 2 शमूएल 1 राजा 2 राजा 1 इतिहास 2 इतिहास एज्रा नहेमायाह एस्तेर अय्यूब भजन नीतिवचन सभोपदेशक श्रेष्ठगीत यशायाह यिर्मयाह विलापगीत यहेजकेल दानियेल होशे योएल आमोस ओबद्याह योना मीका नहूम हबक्कूक सपन्याह हाग्गै जकरयाह मलाकी मत्ती मरकुस लूका यूहन्ना प्रेषितों रोमियों 1 कुरिंथियों 2 कुरिंथियों गलातियों इफिसियों फिलिप्पियों कुलुस्सियों 1 थिस्सलुनीकियों 2 थिस्सलुनीकियों 1 तीमुथियुस 2 तीमुथियुस तीतुस फिलेमोन इब्रानियों याकूब 1 पतरस 2 पतरस 1 यूहन्ना 2 यूहन्ना 3 यूहन्ना यहूदा प्रकाशितवाक्य अध्याय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 जकरयाह की किताब अध्याय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 सारांश 1 यहोवा का बुलावा (1-6) “मेरे पास लौट आओ! तब मैं तुम्हारे पास लौट आऊँगा” (3) पहला दर्शन: मेंहदी के पेड़ों में घुड़सवार (7-17) “यहोवा फिर से सिय्योन को दिलासा देगा” (17) दूसरा दर्शन: 4 सींग, 4 कारीगर (18-21) 2 तीसरा दर्शन: एक आदमी नापने की डोरी लिए हुए (1-13) यरूशलेम नापा जाएगा (2) यहोवा “चारों तरफ आग की दीवार” है (5) परमेश्वर की आँख की पुतली छूना (8) कई राष्ट्र यहोवा से जुड़ जाएँगे (11) 3 चौथा दर्शन: महायाजक यहोशू के कपड़े बदले गए (1-10) शैतान उसका विरोध करता है (1) ‘मैं अपने सेवक अंकुर को लाऊँगा’ (8) 4 पाँचवाँ दर्शन: एक दीवट और जैतून के दो पेड़ (1-14) “न ताकत से बल्कि मेरी पवित्र शक्ति से” (6) छोटी शुरूआत को तुच्छ न जानो (10) 5 छठा दर्शन: उड़ता हुआ खर्रा (1-4) सातवाँ दर्शन: एपा का बरतन (5-11) उसमें बैठी औरत दुष्टता की निशानी (8) बरतन शिनार ले जाया गया (9-11) 6 आठवाँ दर्शन: चार रथ (1-8) वह अंकुर, राजा और याजक होगा (9-15) 7 उपवास के ढोंग के लिए यहोवा धिक्कारता है (1-14) ‘क्या उपवास सचमुच मेरे लिए था?’ (5) ‘न्याय करो, दया करो और अटल प्यार रखो’ (9) 8 यहोवा सिय्योन में शांति और सच्चाई फैलाता है (1-23) यरूशलेम “सच्चाई की नगरी” (3) “एक-दूसरे से सच बोलना” (16) उपवास जश्न में बदला (18, 19) ‘आओ, यहोवा की खोज करें’ (21) दस लोग, एक यहूदी के कपड़े का छोर पकड़ेंगे (23) 9 पड़ोसी राष्ट्रों को परमेश्वर की तरफ से सज़ा (1-8) सिय्योन के राजा का आना (9, 10) वह नम्र राजा गधे पर सवार होकर आता है (9) यहोवा के लोग आज़ाद होंगे (11-17) 10 यहोवा से बारिश माँगो, झूठे ईश्वरों से नहीं (1, 2) यहोवा अपने लोगों को एक करता है (3-12) यहूदा के घराने से एक अगुवा निकलेगा (3, 4) 11 परमेश्वर के सच्चे चरवाहे को ठुकराने का नतीजा (1-17) “घात होनेवाली भेड़ों का चरवाहा बन जा” (4) दो लाठियाँ: कृपा और एकता (7) चरवाहे की मज़दूरी: चाँदी के 30 टुकड़े (12) पैसे, खज़ाने में फेंक दिए गए (13) 12 यहोवा, यहूदा और यरूशलेम की रक्षा करेगा (1-9) यरूशलेम एक “भारी पत्थर” (3) जिसे भेदा गया उसके लिए रोना (10-14) 13 मूरतों और झूठे भविष्यवक्ताओं को निकालना (1-6) झूठे भविष्यवक्ता शर्मिंदा (4-6) चरवाहे को मारा जाएगा (7-9) एक-तिहाई लोग शुद्ध किए जाएँगे (9) 14 सच्ची उपासना की बड़ी जीत (1-21) जैतून पहाड़ का दो हिस्सों में बँटना (4) यहोवा एक होगा और उसका नाम भी एक होगा (9) यरूशलेम के दुश्मनों पर महामारी (12-15) छप्परों का त्योहार मनाना (16-19) हर हंडा यहोवा के लिए पवित्र (20, 21) पिछला अगला प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें जकरयाह—सारांश पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद जकरयाह—सारांश हिंदी जकरयाह—सारांश https://cms-imgp.jw-cdn.org/img/p/1001061100/univ/wpub/1001061100_univ_sqr_xl.jpg nwt जकरयाह पेज 1582-1583