जकरयाह 3:1-10

  • चौथा दर्शन: महायाजक यहोशू के कपड़े बदले गए (1-10)

    • शैतान उसका विरोध करता है (1)

    • ‘मैं अपने सेवक अंकुर को लाऊँगा’ (8)

3  फिर उसने मुझे महायाजक यहोशू+ दिखाया, जो यहोवा के स्वर्गदूत के सामने खड़ा है। और यहोशू के दायीं तरफ शैतान+ उसका विरोध करने के लिए खड़ा है।  यहोवा के स्वर्गदूत ने शैतान से कहा, “हे शैतान, यहोवा तुझे डाँटे!+ हाँ, यहोवा जिसने यरूशलेम को चुना है,+ वही तुझे डाँटे। क्या यह आदमी जलते हुए लट्ठे जैसा नहीं जिसे आग से निकाला गया हो?”  यहोशू मैले कपड़ों में स्वर्गदूत के सामने खड़ा था।  स्वर्गदूत ने उनसे जो उसके सामने खड़े थे कहा, “उसके मैले कपड़े उतार दो।” फिर उसने यहोशू से कहा, “देख, मैंने तेरा गुनाह* दूर कर दिया है। अब तुझे बढ़िया कपड़े पहनाए जाएँगे।”+  तब मैंने कहा, “उसे साफ पगड़ी पहनायी जाए।”+ उन्होंने उसके सिर पर साफ पगड़ी रखी और उसे बढ़िया कपड़े पहनाए। उस वक्‍त यहोवा का स्वर्गदूत पास ही खड़ा था।  फिर यहोवा के स्वर्गदूत ने यहोशू से कहा,  “सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, ‘अगर तू मेरी राहों पर चले और मेरे सामने अपनी ज़िम्मेदारियाँ पूरी करे, तो तू मेरे घर में न्यायी बनकर सेवा करेगा+ और मेरे आँगनों की देखभाल* करेगा। और जो यहाँ खड़े हैं उनके साथ तू भी मेरे सामने आया-जाया करेगा।’  ‘हे महायाजक यहोशू, तू और तेरे साथी जो तेरे सामने बैठते हैं, तुम लोग भविष्य के लिए एक निशानी हो। मेहरबानी करके मेरी बात पर ध्यान दो: देखो! मैं अपने सेवक को ला रहा हूँ,+ जो अंकुर कहलाएगा।+  उस पत्थर को देखो, जिसे मैंने यहोशू के सामने रखा है। उस एक पत्थर पर सात आँखें लगी हैं। मैं उस पर खोदकर कुछ लिख रहा हूँ। मैं उस देश का गुनाह एक ही दिन में दूर कर दूँगा।’ यह बात सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा ने कही है।+ 10  सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा ऐलान करता है, ‘उस दिन तुममें से हर कोई अपने पड़ोसी को बुलाएगा कि वह तुम्हारी अंगूरों की बेल के नीचे और तुम्हारे अंजीर के पेड़ तले आए।’”+

कई फुटनोट

या “दोष।”
या “रखवाली।”