निर्गमन 30:1-38

  • धूप की वेदी (1-10)

  • लोगों की गिनती; फिरौती की कीमत (11-16)

  • हाथ-पैर धोने के लिए ताँबे का हौद (17-21)

  • अभिषेक के तेल का खास मिश्रण (22-33)

  • पवित्र धूप का मिश्रण (34-38)

30  तू धूप जलाने के लिए एक वेदी बनाना।+ इसे बबूल की लकड़ी से तैयार करना।+  वेदी चौकोर होनी चाहिए, लंबाई एक हाथ,* चौड़ाई एक हाथ और ऊँचाई दो हाथ होनी चाहिए। वेदी के कोनों को उभरा हुआ बनाकर सींग का आकार देना।+  पूरी वेदी को यानी उसके ऊपरी हिस्से, उसके बाज़ुओं और सींगों को शुद्ध सोने से मढ़ना। और वेदी पर चारों तरफ सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाना।  वेदी पर आमने-सामने दोनों बाज़ुओं में, नक्काशीदार किनारे के नीचे सोने के दो-दो कड़े लगवाना। इन कड़ों में वे डंडे डाले जाएँगे जिनके सहारे वेदी उठायी जाएगी।  ये डंडे बबूल की लकड़ी से बनाना और उन पर सोना मढ़ना।  तू वेदी को गवाही के संदूक के पासवाले परदे के पहले,+ हाँ, उस संदूक के ढकने के आगे रखना। वहीं मैं तेरे सामने प्रकट होऊँगा।+  हारून+ जब हर दिन सुबह दीए ठीक करेगा,+ तो वेदी पर सुगंधित धूप जलाएगा+ ताकि वेदी से धुआँ उठे।+  जब वह शाम के झुटपुटे के समय* दीए जलाएगा तब भी वेदी पर धूप जलाएगा। यह यहोवा के सामने नियमित तौर पर चढ़ाया जानेवाला धूप का चढ़ावा है और यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी चढ़ाया जाएगा।  तुम इस वेदी पर ऐसा धूप न चढ़ाना जो नियम के खिलाफ हो,+ न ही इस पर होम-बलि करना या अनाज का चढ़ावा चढ़ाना। तू इस वेदी पर कोई अर्घ भी न चढ़ाना। 10  हारून को चाहिए कि वह साल में एक बार वेदी को शुद्ध करे।+ वह प्रायश्‍चित के लिए दिए गए पाप-बलि के जानवर का थोड़ा-सा खून लेकर वेदी के सींगों पर लगाएगा।+ इस तरह वह साल में एक बार वेदी के लिए प्रायश्‍चित करके उसे शुद्ध करेगा। ऐसा पीढ़ी-दर-पीढ़ी किया जाएगा। यह वेदी यहोवा की नज़र में बहुत पवित्र है।” 11  फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 12  “तू जब भी इसराएलियों की गिनती लेगा,+ तो हरेक को अपनी जान के बदले यहोवा को फिरौती देनी होगी। उन्हें यह इसलिए करना होगा ताकि नाम-लिखाई के वक्‍त उन पर कोई कहर न ढाया जाए। 13  जिन-जिनका नाम लिखा जाता है, उन्हें अपनी फिरौती के लिए आधा शेकेल* अदा करना होगा। यह रकम पवित्र-स्थान के शेकेल* के मुताबिक होनी चाहिए।+ एक शेकेल 20 गेरा* के बराबर है। उन्हें यहोवा के लिए दान में आधा शेकेल देना होगा।+ 14  जितनों की उम्र 20 साल या उससे ऊपर है, उनका नाम लिखा जाए और वे यह रकम यहोवा के लिए दान में दें।+ 15  तुम सब अपनी जान की फिरौती के लिए यहोवा को दान में आधा शेकेल* ही दोगे। न अमीर लोग इससे ज़्यादा दें और न गरीब इससे कम। 16  तू इसराएलियों से उनकी फिरौती के लिए चाँदी के पैसे लेना और भेंट के तंबू में की जानेवाली सेवा के लिए देना। यह पैसा इसराएलियों की खातिर यहोवा के सामने यादगार बन जाएगा और तुम्हारी जान की फिरौती होगा।” 17  यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 18  “तू ताँबे का एक हौद बनाना और उसे रखने के लिए एक टेक बनाना।+ इस हौद को भेंट के तंबू और वेदी के बीच रखना और उसमें पानी भरना।+ 19  हारून और उसके बेटे उस हौद के पानी से अपने हाथ-पैर धोएँगे।+ 20  जब वे भेंट के तंबू के अंदर जाएँगे या वेदी के पास सेवा करने और यहोवा के लिए आग में बलि चढ़ाने जाएँगे, तो वे हौद के पानी से खुद को शुद्ध करेंगे ताकि वे मार न डाले जाएँ। 21  उन्हें अपने हाथ-पैर ज़रूर धोने चाहिए ताकि वे मर न जाएँ। यह नियम हारून और उसके वंशजों पर पीढ़ी-पीढ़ी तक सदा के लिए लागू रहेगा।”+ 22  फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 23  “इसके बाद तू ये सारी बढ़िया-बढ़िया खुशबूदार चीज़ें लेना: 500 शेकेल गंधरस जो ठोस बन गया हो, उसका आधा माप यानी 250 शेकेल खुशबूदार दालचीनी, 250 शेकेल खुशबूदार वच 24  और 500 शेकेल तज। ये सब पवित्र-स्थान के शेकेल* के मुताबिक होने चाहिए।+ साथ ही एक हीन* जैतून का तेल भी लेना। 25  इन मसालों के मिश्रण से अभिषेक का पवित्र तेल तैयार करना। यह मिश्रण बहुत ही उम्दा तरीके से बनाया जाए।*+ यह तेल अभिषेक का पवित्र तेल होगा। 26  तू इस तेल से भेंट के तंबू और गवाही के संदूक का अभिषेक करना।+ 27  साथ ही इन चीज़ों का भी अभिषेक करना: तंबू में रखी मेज़ और उसकी सारी चीज़ें, दीवट और उसके साथ इस्तेमाल होनेवाली सारी चीज़ें, धूप की वेदी, 28  होम-बलि की वेदी और उसके साथ इस्तेमाल होनेवाली सारी चीज़ें, हौद और उसकी टेक। 29  तू इन सारी चीज़ों को पवित्र ठहराना ताकि ये बहुत पवित्र हो जाएँ।+ जो भी इन चीज़ों को छूता है उसे पवित्र होना चाहिए।+ 30  तू हारून और उसके बेटों का अभिषेक करना+ और उन्हें याजकों के नाते मेरी सेवा करने के लिए पवित्र ठहराना।+ 31  तू इसराएलियों से कहना, ‘यह पीढ़ी-पीढ़ी तक मेरा अभिषेक का पवित्र तेल होगा।+ 32  इसे किसी इंसान के शरीर पर नहीं लगाना चाहिए। तुम इस तरह का मिश्रण किसी और इस्तेमाल के लिए मत तैयार करना। यह पवित्र तेल है। तुम इसे सदा तक पवित्र मानना। 33  अगर कोई इस मिश्रण से तेल बनाता है और किसी ऐसे इंसान पर लगाता है जिस पर लगाने की इजाज़त नहीं है,* तो उसे मौत की सज़ा दी जाए।’”+ 34  फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “तू बराबर माप में ये सारे इत्र लेना:+ नखी, बोल, गंधाबिरोजा और शुद्ध लोबान। 35  इन्हें मिलाकर धूप तैयार करना।+ मसालों का यह मिश्रण बहुत ही उम्दा तरीके से बना हो,* इसमें नमक मिला हो+ और यह शुद्ध और पवित्र हो। 36  तू इसमें से थोड़ा धूप अलग निकालकर महीन पीसना। फिर इस महीन धूप में से थोड़ा-सा धूप लेकर भेंट के तंबू में गवाही के संदूक के सामने डालना, जहाँ मैं तेरे सामने प्रकट होऊँगा। इस धूप को तुम लोग बहुत पवित्र मानना। 37  जिस मिश्रण से तुम यह धूप बनाओगे उसका धूप तुम अपने इस्तेमाल के लिए मत बनाना।+ यह यहोवा की नज़र में पवित्र धूप है और तुम इसे पवित्र मानना। 38  अगर कोई इसकी खुशबू का आनंद लेने के लिए इस मिश्रण का धूप बनाएगा तो उसे मौत की सज़ा दी जाए।”

कई फुटनोट

करीब 44.5 सें.मी. (17.5 इंच)। अति. ख14 देखें।
शा., “दो शामों के बीच।”
एक शेकेल का वज़न 11.4 ग्रा. था। अति. ख14 देखें।
या “पवित्र शेकेल।”
एक गेरा 0.57 ग्रा. के बराबर था। अति. ख14 देखें।
एक शेकेल का वज़न 11.4 ग्रा. था। अति. ख14 देखें।
या “पवित्र शेकेल।”
एक हीन 3.67 ली. के बराबर था। अति. ख14 देखें।
या “वैसे ही बनाया जाए जैसे कोई इत्र बनानेवाला बनाता है।”
शा., “जो पराया हो,” यानी जो हारून-वंशी न हो।
या “वैसे ही बना हो जैसे कोई इत्र बनानेवाला बनाता है।”