निर्गमन 39:1-43

  • याजक की पोशाक बनायी गयी (1)

  • एपोद (2-7)

  • सीनाबंद (8-21)

  • बिन-आस्तीन का बागा (22-26)

  • याजकों की दूसरी पोशाक (27-29)

  • सोने की पट्टी (30, 31)

  • पवित्र डेरे का मुआयना (32-43)

39  फिर उन्होंने पवित्र-स्थान में सेवा करनेवालों के लिए नीले धागे, बैंजनी ऊन और सुर्ख लाल धागे+ से बढ़िया बुनाई करके पोशाकें तैयार कीं। उन्होंने हारून के लिए पवित्र पोशाक तैयार की,+ ठीक जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।  उसने सोने, नीले धागे, बैंजनी ऊन, सुर्ख लाल धागे और बटे हुए बढ़िया मलमल से एपोद तैयार किया।+  उन्होंने सोने के पत्तरों को पीटकर उनकी पतली-पतली पत्तियाँ बनायीं। फिर उनके बारीक तार काटे ताकि ये तार नीले धागे, बैंजनी ऊन और सुर्ख लाल धागे के साथ इस्तेमाल किए जा सकें। उन्होंने इनसे बढ़िया मलमल पर कढ़ाई की।  उन्होंने एपोद के दोनों हिस्सों को बनाया और सामनेवाले हिस्से को पीछेवाले हिस्से से कंधे की जगह पर जोड़ दिया।  एपोद को कसकर बाँधने के लिए उस पर एक बुना हुआ कमरबंद लगाया गया।+ कमरबंद भी इन चीज़ों से बनाया गया: सोना, नीला धागा, बैंजनी ऊन, सुर्ख लाल धागा और बटा हुआ बढ़िया मलमल। यह सब ठीक वैसा ही बनाया गया, जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।  फिर उन्होंने सुलेमानी पत्थर लिए और उन पर इसराएल के बेटों के नाम इस तरह खोदकर लिखे जैसे मुहर पर खुदाई की जाती है। और उन पत्थरों को उन्होंने सोने के खाँचों में जड़ दिया।+  उसने उन्हें एपोद के कंधेवाले हिस्सों पर लगाया ताकि ये इसराएल के बेटों के लिए यादगार के पत्थर बन जाएँ,+ ठीक जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।  फिर उसने कढ़ाई का काम करवाकर सीनाबंद तैयार किया।+ एपोद की तरह सीनाबंद भी इन चीज़ों से तैयार किया गया: सोना, नीला धागा, बैंजनी ऊन, सुर्ख लाल धागा और बटा हुआ बढ़िया मलमल।+  उन्होंने सीनाबंद इस तरह बनाया कि बीच से मोड़ने पर वह चौकोर हो जाता, एक बित्ता* लंबा और एक बित्ता चौड़ा। 10  उन्होंने सीनेबंद में चार कतारों में रत्न जड़े। पहली कतार में माणिक, पुखराज और पन्‍ना। 11  दूसरी कतार में फिरोज़ा, नीलम और यशब। 12  तीसरी कतार में लशम,* हकीक और कटैला। 13  चौथी कतार में करकेटक, सुलेमानी और मरगज। ये रत्न सोने के खाँचों में बिठाए गए। 14  इन 12 रत्नों पर इसराएल के 12 बेटों के नाम ऐसे खोदकर लिखे गए जैसे मुहर पर खुदाई की जाती है। हर रत्न पर एक बेटे का नाम था जो एक गोत्र को दर्शाता था। 15  इसके बाद उन्होंने सीनेबंद के लिए शुद्ध सोने की बटी हुई ज़ंजीरें बनायीं जो दिखने में डोरियों जैसी थीं।+ 16  फिर उन्होंने सोने के दो खाँचे और सोने के दो छल्ले बनाए और दोनों छल्लों को सीनेबंद के दो कोनों पर लगाया। 17  फिर उन्होंने सोने की दोनों डोरियों को सीनेबंद के कोनों पर लगे छल्लों में डाला। 18  फिर उन्होंने दो डोरियों के दोनों छोर को दो खाँचों के अंदर से निकालकर उन्हें एपोद के कंधेवाले हिस्सों पर, सामने की तरफ लगाया। 19  इसके बाद उन्होंने सोने के दो छल्ले बनाए और उन्हें सीनेबंद के निचले दो कोनों पर अंदर की तरफ लगाया, यानी सीनेबंद के उस हिस्से में जो एपोद की तरफ था।+ 20  उन्होंने सोने के दो और छल्ले बनाए और उन्हें एपोद के सामने की तरफ, कंधेवाले हिस्सों के नीचे, जहाँ वह जुड़ता है यानी बुने हुए कमरबंद के ठीक ऊपर लगाया। 21  आखिर में उन्होंने एक नीली डोरी से सीनेबंद के छल्लों को एपोद के छल्लों से जोड़ दिया जिससे सीनाबंद एपोद में कमरबंद के ऊपर अपनी जगह पर बना रहे। यह सब उन्होंने ठीक वैसा ही बनाया, जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। 22  फिर उसने एपोद के नीचे पहनने के लिए एक जुलाहे से बिन आस्तीन का बागा बुनवाया। यह बागा सिर्फ नीले धागे से बनाया गया।+ 23  बागे में एक गला बनाया गया, ठीक जैसे बख्तर में होता है। गले के चारों तरफ एक किनारा बनाया गया ताकि यह फट न जाए। 24  फिर उन्होंने बागे के नीचे के घेरे में अनार के आकार में फुँदने बनाए। उन्होंने ये फुँदने नीले धागे, बैंजनी ऊन और सुर्ख लाल धागे से बनाए जो आपस में बटे हुए थे। 25  फिर उन्होंने शुद्ध सोने से घंटियाँ बनायीं और उन्हें बागे के पूरे घेरे में अनारों के बीच-बीच में लगाया। 26  उन्होंने बिन आस्तीन के इस बागे के पूरे घेरे में एक घंटी के बाद एक अनार, फिर एक घंटी फिर एक अनार लगाया। इस तरह याजक के नाते सेवा करनेवाले के लिए यह बागा ठीक वैसा ही बनाया गया, जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। 27  उन्होंने हारून और उसके बेटों के लिए जुलाहे के बुने हुए बढ़िया मलमल से कुरते बनाए+ 28  और उनके लिए बढ़िया मलमल की पगड़ी,+ बढ़िया मलमल के खूबसूरत, शानदार साफे+ और बटे हुए बढ़िया मलमल के जाँघिये बनाए+ 29  और बटे हुए बढ़िया मलमल से, जिस पर नीला धागा, बैंजनी ऊन और सुर्ख लाल धागा बुना हुआ था, एक कमर-पट्टी बनायी। यह सब ठीक वैसा ही बनाया गया, जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। 30  आखिर में उन्होंने शुद्ध सोने की एक चमचमाती पट्टी बनायी जो समर्पण की पवित्र निशानी है* और उस पर ये शब्द खोदकर लिखे: “यहोवा पवित्र है।” ये शब्द उन्होंने उसी तरह खुदवाए जैसे मुहर पर खुदाई की जाती है।+ 31  उस पट्टी पर उन्होंने एक डोरी लगायी जो नीले धागे से बनी थी ताकि वह पट्टी पगड़ी पर बाँधी जा सके। यह सब ठीक वैसा ही किया गया, जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। 32  इस तरह पवित्र डेरे का सारा काम पूरा हो गया। इसराएलियों ने भेंट के तंबू के लिए हर वह चीज़ बनायी जिसके बारे में यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।+ उन्होंने सबकुछ वैसा ही बनाया जैसा उन्हें बताया गया था। 33  फिर वे पवित्र डेरे के सभी हिस्से और उसकी सारी चीज़ें मूसा के पास ले आए:+ तंबू की चिमटियाँ,+ उसकी चौखटें,+ डंडे,+ खंभे, खाँचेदार चौकियाँ,+ 34  तंबू को ढकने के लिए लाल रंग से रंगी मेढ़े की खाल की चादर+ और सील मछली की खाल से बनी चादर, संदूक के सामने का परदा,+ 35  गवाही का संदूक, उसके डंडे+ और उसका ढकना,+ 36  मेज़ और उसकी सारी चीज़ें,+ नज़राने की रोटी, 37  शुद्ध सोने की दीवट, उस पर कतार में लगाने के लिए दीए,+ दीवट के साथ इस्तेमाल होनेवाली सारी चीज़ें+ और दीए जलाने के लिए तेल,+ 38  सोने की वेदी,+ अभिषेक का तेल,+ सुगंधित धूप,+ तंबू के द्वार का परदा,+ 39  ताँबे की वेदी,+ उसकी ताँबे की जाली, उसके डंडे,+ उसके साथ इस्तेमाल होनेवाली सारी चीज़ें,+ हौद और उसकी टेक,+ 40  आँगन की कनातें, उसके खंभे और उनकी खाँचेदार चौकियाँ,+ आँगन के द्वार का परदा,+ कनातें लगाने के लिए रस्सियाँ और खूँटियाँ,+ पवित्र डेरे यानी भेंट के तंबू में सेवा के लिए इस्तेमाल होनेवाली सारी चीज़ें, 41  पवित्र-स्थान में सेवा करनेवालों के लिए बढ़िया तरीके से बुनी हुई पोशाकें, हारून याजक के लिए पवित्र पोशाक+ और उसके बेटों के लिए पोशाकें जिन्हें पहनकर वे याजकों का काम करते। 42  यहोवा ने मूसा को जो-जो आज्ञा दी थी, ठीक उसी के मुताबिक इसराएलियों ने सारा काम किया।+ 43  जब मूसा ने उनके सारे काम का मुआयना किया तो उसने देखा कि उन्होंने हर काम ठीक वैसा ही किया था जैसा यहोवा ने आज्ञा दी थी। और मूसा ने उन्हें आशीर्वाद दिया।

कई फुटनोट

करीब 22.2 सें.मी. (8.75 इंच)। अति. ख14 देखें।
इस रत्न के बारे में कोई सही जानकारी नहीं है। यह कहरुवा, धूम्रकांत, उपल या तुरमली हो सकता है।
या “जो पवित्र ताज है।”