नीतिवचन 28:1-28

  • बात न माननेवाले की प्रार्थना घिनौनी है (9)

  • अपराध माननेवाले पर दया की जाती है (13)

  • रातों-रात अमीर बननेवाला निर्दोष नहीं रहता (20)

  • चिकनी-चुपड़ी बातों से डाँट अच्छी (23)

  • दरियादिल को कोई कमी नहीं (27)

28  दुष्ट का कोई पीछा न भी करे, तो भी वह भागता रहता है,लेकिन नेक जन शेर की तरह बेखौफ रहता है।+   जिस देश में कायदे-कानून तोड़े जाते हैं,* वहाँ हाकिम बदलते रहते हैं,+मगर जिस हाकिम के* सलाहकार में पैनी समझ और ज्ञान है, उसका राज बना रहता है।+   जो गरीब किसी दीन-दुखी को ठगता है,+वह उस तेज़ बारिश के समान है, जो सारा अनाज बहा ले जाती है।   कानून न माननेवाले जब किसी दुष्ट की बड़ाई करते हैं,तो कानून माननेवाले उनके खिलाफ भड़क उठते हैं।+   बुरे लोग नहीं समझते कि क्या सही है, क्या गलत,लेकिन जो यहोवा की खोज में रहते हैं वे सब समझते हैं।+   जो गरीब निर्दोष चाल चलता है,वह उस अमीर से कहीं अच्छा है, जो बेईमानी करता है।+   समझदार बेटा नियम-कानून मानता है,लेकिन पेटू से दोस्ती रखनेवाला अपने पिता का अपमान करता है।+   जो ब्याज लेकर और बेईमानी से दौलत बटोरता है,+वह उस आदमी के लिए बटोर रहा है,जो गरीबों पर मेहरबानी करता है।+   जो परमेश्‍वर का कानून मानने से इनकार करता है,उसकी प्रार्थना तक घिनौनी है।+ 10  जो सीधे इंसान को बहकाकर बुरी राह पर ले जाता है, वह अपने ही खोदे हुए गड्‌ढे में जा गिरेगा,+लेकिन जो निर्दोष चाल चलता है उसे अच्छा फल मिलेगा।+ 11  अमीर खुद को बड़ा बुद्धिमान समझता है,+लेकिन पैनी समझ रखनेवाला गरीब, उसकी असलियत भाँप लेता है।+ 12  नेक जन की जीत पर जश्‍न मनाया जाता है,लेकिन दुष्ट के सत्ता में आने पर लोग छिपते फिरते हैं।+ 13  जो अपने अपराध छिपाए रखता है वह सफल नहीं होगा,+लेकिन जो इन्हें मान लेता है और दोहराता नहीं, उस पर दया की जाएगी।+ 14  सुखी है वह इंसान जो हमेशा चौकन्‍ना रहता है,*मगर जो अपने दिल को ढीठ बना लेता है उस पर विपत्ति टूट पड़ेगी।+ 15  दीन-दुखियों पर राज करनेवाला दुष्ट,मानो दहाड़ता हुआ शेर और हमला करनेवाला भालू है।+ 16  जिस अगुवे में पैनी समझ नहीं, वह ताकत का गलत इस्तेमाल करता है,+लेकिन जो बेईमानी की कमाई से नफरत करता है, उसकी उम्र लंबी होती है।+ 17  जो किसी के खून का दोषी है, वह मरने तक* भागता रहेगा,+ कोई उसकी मदद न करे। 18  निर्दोष चाल चलनेवाले बचाए जाएँगे,+लेकिन टेढ़ी चाल चलनेवाले अचानक गिर पड़ेंगे।+ 19  जो अपना खेत जोतता है उसके पास रोटी की भरमार होगी,लेकिन जो बेकार के कामों में लगा रहता है उसके पास गरीबी की भरमार होगी।+ 20  सच्चा आदमी ढेरों आशीषें पाएगा,+लेकिन जो रातों-रात अमीर बनना चाहता है वह निर्दोष नहीं रह पाएगा।+ 21  पक्षपात करना सही नहीं,+फिर भी रोटी के एक टुकड़े के लिए इंसान यह गलत काम कर जाता है। 22  ईर्ष्या करनेवाला* दौलत के पीछे भागता है,लेकिन नहीं जानता कि गरीबी उसे आ घेरेगी। 23  डाँट लगानेवाला+ आखिर में उस आदमी से ज़्यादा प्यारा हो जाता है,+जो चिकनी-चुपड़ी बातें करता है। 24  जो अपने माँ-बाप को लूटकर कहता है, “मैंने कुछ गलत नहीं किया,”+ वह तबाही मचानेवाले का साझेदार है।+ 25  लालची* आदमी झगड़े पैदा करता है,लेकिन यहोवा पर भरोसा रखनेवाला फलता-फूलता है।+ 26  जो अपने दिल पर भरोसा रखता है वह मूर्ख है,+लेकिन जो बुद्धि की राह पर चलता है वह बचाया जाएगा।+ 27  जो गरीबों को देता है उसे किसी बात की कमी न होगी,+लेकिन जो उन्हें देखकर आँख मूँद लेता है, उसे बहुत शाप मिलेंगे। 28  दुष्ट जब सत्ता में आता है तो लोग छिप जाते हैं,लेकिन जब उसका विनाश हो जाता है तब नेक जन बढ़ने लगते हैं।+

कई फुटनोट

या “बगावत होती है।”
शा., “जिसके।”
या “परमेश्‍वर का डर मानता है।”
या “कब्र में जाने तक।”
या “लालची।”
या शायद, “घमंडी।”