भजन 123:1-4

  • कृपा के लिए यहोवा की ओर ताकना

    • ‘दासों की तरह हमारी आँखें यहोवा पर टिकी रहती हैं’ (2)

    • ‘जितना अपमान सहना था, सह लिया’ (3)

चढ़ाई का गीत। 123  मैं तेरी ओर नज़रें उठाता हूँ,+तेरी ओर, जो स्वर्ग में विराजमान है।   जैसे दासों की आँखें अपने मालिक के हाथ पर लगी रहती हैं,जैसे एक दासी की आँखें अपनी मालकिन के हाथ पर लगी रहती हैं,वैसे ही हमारी आँखें हमारे परमेश्‍वर यहोवा पर टिकी रहती हैं,+तब तक जब तक कि वह हम पर कृपा न करे।+   हम पर कृपा कर, हे यहोवा, हम पर कृपा कर,हमें जितना अपमान सहना था उतना हमने सह लिया है।+   जिन्हें खुद पर कुछ ज़्यादा ही भरोसा है,उनके जितने ताने सहने थे उतने हमने सह लिए हैं,मगरूरों के हाथों जितना अपमान सहना था, उतना सह लिया है।

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