भजन 127:1-5

  • परमेश्‍वर के बगैर सबकुछ बेकार

    • “अगर घर को यहोवा न बनाए” (1)

    • बच्चे परमेश्‍वर से मिला इनाम हैं (3)

सुलैमान की रचना। चढ़ाई का गीत। 127  अगर घर को यहोवा न बनाए,तो उसके कारीगरों की कड़ी मेहनत बेकार है।+ अगर शहर की हिफाज़त यहोवा न करे,+तो उसके पहरेदार का जागते रहना बेकार है।   अगर परमेश्‍वर की आशीष न हो,तो तुम्हारा सुबह तड़के उठना,देर रात तक जागना,खाने के लिए कड़ी मज़दूरी करना बेकार है। क्योंकि वह जिनसे प्यार करता है, उनकी देखभाल करता हैऔर उन्हें अच्छी नींद देता है।+   देखो! लड़के* यहोवा से मिली विरासत हैं,+गर्भ का फल उससे मिला इनाम है।+   जैसे वीर के हाथ में तीर होते हैं,वैसे जवान आदमी के बेटे होते हैं।+   सुखी है वह आदमी जो अपना तरकश तीरों से भरता है।+ वे शर्मिंदा नहीं किए जाएँगे,क्योंकि वे शहर के फाटक पर दुश्‍मनों को जवाब देंगे।

कई फुटनोट

या “बच्चे।”