भजन 128:1-6

  • यहोवा का डर मानना सुख देता है

    • पत्नी, अंगूर की फलती-फूलती बेल (3)

    • ‘तुझे यरूशलेम को फलता-फूलता देखने का मौका मिले’ (5)

चढ़ाई का गीत। 128  सुखी है हर कोई जो यहोवा का डर मानता है,+उसकी राहों पर चलता है।+   तू अपने हाथों की मेहनत का फल खाएगा, तू सुखी रहेगा और खुशहाली का आनंद उठाएगा।+   तेरी पत्नी तेरे घर के अंदर अंगूर की फलती-फूलती बेल जैसी होगी,+तेरे बेटे तेरी मेज़ के चारों तरफ जैतून के अंकुर जैसे होंगे।   देख! यहोवा का डर माननेवाला आदमीइसी तरह आशीष पाएगा।+   यहोवा तुझे सिय्योन से आशीष देगा। तुझे सारी ज़िंदगी यरूशलेम को फलता-फूलता देखने का मौका मिले,+   तुझे बेटों के बेटों को भी देखने का मौका मिले। इसराएल में शांति बनी रहे।

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