भजन 130:1-8

  • “मैं दुख की गहरी खाई से तुझे पुकारता हूँ”

    • ‘अगर तू गुनाहों पर नज़र रखता’ (3)

    • यहोवा सच्ची माफी देता है (4)

    • “मैं यहोवा का बेसब्री से इंतज़ार करता हूँ” (6)

चढ़ाई का गीत। 130  हे यहोवा, मैं दुख की गहरी खाई से तुझे पुकारता हूँ।+   हे यहोवा, मेरी आवाज़ सुन। तू मेरी मदद की पुकार पर कान लगाए।   हे याह,* अगर तू हमारे गुनाहों पर ही नज़र रखता,*तो हे यहोवा, तेरे सामने कौन खड़ा रह सकता?+   तू सच्ची माफी देता है+ताकि तेरी श्रद्धा की जाए।*+   मैं यहोवा पर आशा रखता हूँ,मेरा रोम-रोम उस पर आशा रखता है,मैं उसके वचन का इंतज़ार करता हूँ।   मैं यहोवा का बेसब्री से इंतज़ार करता हूँ,+पहरेदार सुबह होने का जितना इंतज़ार करते हैं,उससे कहीं ज़्यादा मैं इंतज़ार करता हूँ।+   इसराएल यहोवा का इंतज़ार करे,क्योंकि यहोवा वफादार है, सदा प्यार करता है+और वह छुड़ाने की महाशक्‍ति रखता है।   वह इसराएल को उसके सभी गुनाहों से छुड़ाएगा।

कई फुटनोट

“याह” यहोवा नाम का छोटा रूप है।
या “का हिसाब रखता।”
शा., “तेरा डर माना जाए।”