भजन 135:1-21

  • याह की महानता के लिए उसकी तारीफ करो

    • मिस्र के खिलाफ चिन्ह और चमत्कार (8, 9)

    • “तेरा नाम सदा कायम रहता है” (13)

    • बेजान मूरतें (15-18)

135  याह की तारीफ करो!* यहोवा के नाम की तारीफ करो,यहोवा के सेवको, उसकी तारीफ करो,+   तुम जो यहोवा के भवन में,हमारे परमेश्‍वर के भवन के आँगनों में खड़े रहते हो,उसकी तारीफ करो।+   याह की तारीफ करो क्योंकि यहोवा भला है।+ उसके नाम की तारीफ में गीत गाओ* क्योंकि उसका नाम मनभावना है।   याह ने अपने लिए याकूब को चुना है,इसराएल को अपनी खास जागीर* बनाया है।+   मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि यहोवा महान है,हमारा प्रभु सभी देवताओं से कहीं ज़्यादा महान है।+   आकाश में, धरती पर, समुंदर और उसकी सारी गहराइयों में,यहोवा जो भी चाहता है वह करता है।+   वह धरती के कोने-कोने से बादलों* को ऊपर उठाता है,बारिश के लिए बिजली* बनाता है,अपने भंडारों से आँधी चलाता है।+   उसने मिस्र के पहलौठों को मार डाला,इंसान और जानवर, दोनों के पहलौठों को मार डाला।+   हे मिस्र, उसने तेरे यहाँ चिन्ह और चमत्कार किए,+फिरौन और उसके सभी सेवकों के खिलाफ किए।+ 10  उसने कई जातियों को मिटा दिया+और ताकतवर राजाओं को मार डाला:+ 11  एमोरियों के राजा सीहोन को,+बाशान के राजा ओग को मार डाला,+उसने कनान के सभी राज्यों को हरा दिया। 12  उसने उनका देश विरासत में दे दिया,अपनी प्रजा इसराएल को विरासत में दे दिया।+ 13  हे यहोवा, तेरा नाम सदा कायम रहता है। हे यहोवा, तेरा यश* पीढ़ी-पीढ़ी तक कायम रहता है।+ 14  यहोवा अपने लोगों की पैरवी करेगा,+अपने सेवकों पर तरस खाएगा।+ 15  राष्ट्रों की मूरतें सोने-चाँदी की बनी हैं,इंसान के हाथ की कारीगरी हैं।+ 16  उनका मुँह तो है पर वे बोल नहीं सकतीं,+आँखें हैं पर देख नहीं सकतीं, 17  कान हैं पर सुन नहीं सकतीं, उनके मुँह में कोई साँस नहीं है।+ 18  उनके बनानेवाले और उन पर भरोसा रखनेवाले,दोनों उनकी तरह हो जाएँगे।+ 19  हे इसराएल के घराने, यहोवा की तारीफ कर। हे हारून के घराने, यहोवा की तारीफ कर। 20  हे लेवी के घराने, यहोवा की तारीफ कर।+ यहोवा का डर माननेवालो, यहोवा की तारीफ करो। 21  यहोवा जो यरूशलेम में निवास करता है,+उसकी सिय्योन से तारीफ हो।+ याह की तारीफ करो!+

कई फुटनोट

या “हल्लिलूयाह!” “याह” यहोवा नाम का छोटा रूप है।
या “संगीत बजाओ।”
या “अनमोल जायदाद।”
या “भाप।”
या शायद, “झरोखे।”
या “नाम।” शा., “तेरी यादगार।”