भजन 25:1-22

  • मार्गदर्शन और माफी के लिए प्रार्थना

    • “मुझे अपने रास्ते सिखा” (4)

    • “यहोवा से गहरी दोस्ती” (14)

    • “मेरे सभी पाप माफ कर दे” (18)

दाविद की रचना। א [आलेफ ] 25  हे यहोवा, मैं तेरी ओर मुड़ता हूँ। ב [बेथ ]   मेरे परमेश्‍वर, मुझे तुझ पर भरोसा है,+तू मुझे शर्मिंदा न होने दे।+ मेरे दुश्‍मनों को मेरी तकलीफों पर हँसने न दे।+ ג [गिमेल ]   बेशक, तुझ पर आशा रखनेवाला कोई भी शर्मिंदा नहीं होगा,+मगर जो बेवजह दगा देते हैं वे शर्मिंदा होंगे।+ ד [दालथ ]   हे यहोवा, मुझे अपनी राहें दिखा,+मुझे अपने रास्ते सिखा।+ ה [हे ]   अपनी सच्चाई की राह पर मुझे चला और मुझे सिखा,+क्योंकि तू मेरा उद्धार करनेवाला परमेश्‍वर है। ו [वाव ] मैं पूरा दिन तुझ पर ही आशा रखता हूँ। ז [जैन ]   हे यहोवा, अपनी दया और अपना अटल प्यार याद कर,+जो तू हमेशा से दिखाता आया है।*+ ח [हेथ ]   मैंने जवानी में जो पाप और अपराध किए, उन्हें याद न कर। हे यहोवा, अपने अटल प्यार के मुताबिक,अपनी भलाई के कारण मुझे याद कर।+ ט [टेथ ]   यहोवा भला और सीधा-सच्चा है।+ इसलिए वह पापियों को जीने की राह सिखाता है।+ י [योध ]   जो सही है उसके बारे में* वह दीनों को निर्देश देगा,+उन्हें अपनी राह पर चलना सिखाएगा।+ כ [काफ ] 10  जो यहोवा का करार मानते हैं,+उसके याद दिलाने पर उसकी सुनते हैं,+उनसे वह प्यार* करता है, उनका विश्‍वासयोग्य बना रहता है। ל [लामेध ] 11  माना कि मैंने बड़ा पाप किया है,फिर भी हे यहोवा, अपने नाम की खातिर मुझे माफ कर दे।+ מ [मेम ] 12  यहोवा का डर माननेवाला इंसान कौन है?+ उसे परमेश्‍वर सिखाएगा कि कौन-सा रास्ता चुनना है।+ נ [नून ] 13  ऐसा इंसान भलाई का आनंद उठाएगा,+उसके वंशजों का धरती पर अधिकार होगा।+ ס [सामेख ] 14  यहोवा से गहरी दोस्ती सिर्फ वे कर सकते हैं जो उसका डर मानते हैं,+वह अपने करार के बारे में उन्हें बताता है।+ ע [ऐयिन ] 15  मेरी आँखें हर पल यहोवा की तरफ लगी रहती हैं,+क्योंकि वह मेरे पैरों को जाल से छुड़ाएगा।+ פ [पे ] 16  मेरी तरफ मुड़, मुझ पर कृपा कर,मैं अकेला और बेसहारा हूँ। צ [सादे ] 17  मेरे मन की पीड़ाएँ बढ़ गयी हैं,+मुझे दिल की तड़प से राहत दे। ר [रेश ] 18  मेरी तकलीफें और मुसीबतें देख+और मेरे सभी पाप माफ कर दे।+ 19  देख, मेरे दुश्‍मन कैसे बेशुमार हो गए हैं,नफरत के मारे मुझे सताना चाहते हैं। ש [शीन ] 20  मुझे बचा ले, मेरी जान की हिफाज़त कर।+ मुझे शर्मिंदा न होने दे क्योंकि मैंने तेरी पनाह ली है। ת [ताव ] 21  मेरा निर्दोष और सीधा चालचलन मेरी हिफाज़त करे,+क्योंकि मैंने तुझी पर आशा रखी है।+ 22  हे परमेश्‍वर, इसराएल को उसकी सारी मुसीबतों से छुड़ा ले।

कई फुटनोट

या “जो पुराने ज़माने से है।”
शा., “न्याय के बारे में।”
या “अटल प्यार।”