भजन 38:1-22

  • पश्‍चाताप करनेवाले की प्रार्थना

    • “मैं टूट चुका हूँ, यह दर्द बरदाश्‍त से बाहर है” (6)

    • यहोवा उनकी सुनता है जो उसका इंतज़ार करते हैं (15)

    • “पाप की वजह से मेरा मन बेचैन था” (18)

यादगार के लिए दाविद का सुरीला गीत। 38  हे यहोवा, तू गुस्से में आकर मुझे न फटकार,न ही क्रोध से भरकर मुझे सुधार।+   तेरे तीरों ने मुझे अंदर तक भेद दिया है,तेरा हाथ मुझ पर भारी है।+   तेरे क्रोध की वजह से मेरा सारा शरीर रोगी है।* मेरे पाप की वजह से मेरी हड्डियों में चैन नहीं।+   क्योंकि मेरे गुनाहों का ढेर मेरे सिर से भी ऊँचा हो गया है,+इतना भारी बोझ कि मुझसे सहा नहीं जाता।   मेरी मूर्खता के कारण मेरे घाव सड़ गए हैं,उनसे बदबू आती है।   मैं टूट चुका हूँ, यह दर्द बरदाश्‍त से बाहर है,मैं सारा दिन मायूसी में डूबा रहता हूँ।   मेरे अंदर मानो आग लगी है,*मेरा सारा शरीर रोगी है।+   मैं सुन्‍न हो गया हूँ, बिलकुल चूर हो गया हूँ,मन की बेचैनी के मारे ज़ोर-ज़ोर से कराहता रहता हूँ।   हे यहोवा, तू मेरी सारी इच्छाएँ जानता है,मेरा आहें भरना तुझसे छिपा नहीं है। 10  मेरी धड़कन तेज़ है, ताकत जवाब दे गयी है,आँखों की रौशनी चली गयी है।+ 11  मुझे ज़ख्मों से भरा देखकर मेरे दोस्त और साथी मुझसे किनारा कर लेते हैं,जो कभी मेरे करीब थे वे अब मुझसे दूर रहते हैं। 12  मेरे जानी दुश्‍मन मेरे लिए फंदे बिछाते हैं,मेरा बुरा चाहनेवाले मुझे बरबाद करने की बातें करते हैं,+वे दिन-भर मुझे छलने की तरकीबें बुनते रहते हैं। 13  मैं उनकी बातें अनसुनी कर देता हूँ मानो बधिर हूँ,+मैं कुछ नहीं बोलता मानो गूँगा हूँ।+ 14  मैं ऐसे आदमी की तरह हो गया हूँ जो सुन नहीं सकता,न ही अपनी सफाई में कुछ कह सकता है। 15  क्योंकि हे यहोवा, मैंने तेरा इंतज़ार किया+और हे यहोवा, मेरे परमेश्‍वर, तूने मेरी सुन ली।+ 16  मैंने कहा था, “अगर मेरा पैर फिसल जाएतो वे मुझ पर न हँसें या घमंड से न फूलें।” 17  क्योंकि मैं बस गिरने ही वाला थाऔर हर वक्‍त दर्द से तड़प रहा था।+ 18  मैंने अपना गुनाह कबूल कर लिया,+पाप की वजह से मेरा मन बेचैन था।+ 19  मगर मेरे दुश्‍मन फुर्तीले और ताकतवर हैं,*मुझसे बेवजह नफरत करनेवाले बेशुमार हो गए हैं। 20  उन्होंने मेरी अच्छाई का सिला बुराई से दिया,वे मेरा विरोध करते रहे क्योंकि मैं भले काम करने का जतन करता था। 21  हे यहोवा, मुझे छोड़ न देना। हे परमेश्‍वर, मुझसे दूर न रहना।+ 22  हे यहोवा, मेरे उद्धारकर्ता,+मेरी मदद के लिए जल्दी आना।

कई फुटनोट

शा., “मेरे शरीर का कोई भी हिस्सा स्वस्थ नहीं है।”
शा., “मेरी पूरी कमर जल रही है।”
या शायद, “मगर मुझसे बेवजह दुश्‍मनी करनेवाले बहुत हैं।”