भजन 45:1-17

  • अभिषिक्‍त राजा की शादी

    • सुहावने बोल (2)

    • “परमेश्‍वर हमेशा-हमेशा के लिए तेरी राजगद्दी है” (6)

    • दुल्हन की खूबसूरती निहारने की चाह (11)

    • बेटे, सारी धरती पर हाकिम (16)

कोरह के वंशजों+ की रचना। निर्देशक के लिए हिदायत: “सोसन के फूलों” के मुताबिक। मश्‍कील।* एक प्यार का गीत। 45  एक मनभावनी बात से मेरे दिल में उमंग जागी है। मेरा गीत* एक राजा के बारे में है।+ मेरी ज़बान एक हुनरमंद नकल-नवीस*+ की कलम+ बन जाए।   हे राजा, इंसानों में तेरे जैसा सुंदर-सजीला और कोई नहीं। तेरे होंठों से सुहावने बोल उमड़ते हैं!+ इसीलिए परमेश्‍वर ने तुझे सदा के लिए आशीष दी है।+   हे वीर योद्धा,+ अपनी तलवार कमर पर कस ले,+गौरव और वैभव+ का लिबास पहन ले।   पूरे वैभव से सवार होकर जीत* हासिल करता जा,+सच्चाई, नम्रता और नेकी की खातिर जंग लड़+और तेरा दायाँ हाथ विस्मयकारी काम करेगा।*   तेरे तीर तेज़ हैं, दुश्‍मनों के दिलों को भेद देते हैं,+देश-देश के लोग तेरे आगे गिर पड़ते हैं।+   परमेश्‍वर हमेशा-हमेशा के लिए तेरी राजगद्दी है,+तेरा राजदंड सीधाई* का राजदंड है।+   तूने नेकी से प्यार किया+ और दुष्टता से नफरत की,+ इसीलिए परमेश्‍वर ने, हाँ, तेरे परमेश्‍वर ने तेरे साथियों से बढ़कर हर्ष के तेल से तेरा अभिषेक किया।+   तेरा पूरा लिबास गंधरस, अगर और तज की खुशबू से महकता है,हाथी-दाँत से सजे आलीशान महल का मधुर संगीत तेरे दिल को बाग-बाग कर देता है।   तेरी रुतबेदार औरतों में राजाओं की बेटियाँ भी हैं, तेरे दायीं तरफ रानी ओपीर के सोने के गहनों से सजी खड़ी है।+ 10  मेरी बेटी सुन, मेरी तरफ कान लगाना और मेरी बात पर ध्यान देना,अपने लोगों और अपने पिता के घर को भूल जाना। 11  राजा को तेरी खूबसूरती निहारने की चाह होगी,वह तेरा मालिक है, इसलिए तू सिर झुकाकर उसे प्रणाम करना। 12  सोर की बेटी तेरे लिए तोहफा लेकर आएगी,बड़े-बड़े रईस तेरी रज़ामंदी पाना चाहेंगे। 13  महल में राजा की बेटी की आभा ऐसी है कि निगाहें थम जाएँ।उसकी पोशाक पर सोने की कढ़ाई है। 14  वह बुनी हुई शानदार पोशाक* पहने राजा के पास लायी जाएगी। उसके पीछे-पीछे उसकी कुँवारी सहेलियाँ भी राजा के पास लायी जाएँगी। 15  उन्हें खुशियाँ और जश्‍न मनाते हुए लाया जाएगा,वे राजा के महल में कदम रखेंगे। 16  तेरे बेटे तेरे पुरखों की जगह लेंगे। तू उन्हें सारी धरती पर हाकिम ठहराएगा।+ 17  मैं तेरा नाम पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोगों को बताता रहूँगा।+ इसलिए देश-देश के लोग युग-युग तक तेरी बड़ाई करते रहेंगे।

कई फुटनोट

शब्दावली देखें।
शा., “मेरी रचनाएँ।”
या “शास्त्री।”
शा., “तुझे विस्मयकारी काम सिखाएगा।”
या “कामयाबी।”
या “न्याय।”
या शायद, “कढ़ाईदार चोगा।”