भजन 5:1-12

  • यहोवा, नेक लोगों की पनाह

    • वह दुष्टता से नफरत करता है (4, 5)

    • “मुझे अपनी नेक राह पर ले चल” (8)

दाविद का सुरीला गीत। नहिलोत* के लिए निर्देशक को हिदायत। 5  हे यहोवा, मेरी बातें सुन,+मेरी आहों पर ध्यान दे।   मेरी मदद की पुकार सुन,क्योंकि हे मेरे राजा, मेरे परमेश्‍वर, मैं तुझी से प्रार्थना करता हूँ।   हे यहोवा, भोर को तू मेरी आवाज़ सुनेगा,+भोर को मैं अपनी चिंता तुझे बताऊँगा+ और जवाब का इंतज़ार करूँगा।   क्योंकि तू ऐसा परमेश्‍वर नहीं जो दुष्टता से खुश हो,+जो बुरा है वह तेरे साथ नहीं रह सकता।+   कोई भी मगरूर तेरे सामने खड़ा नहीं रह सकता। तू दुष्ट काम करनेवालों से नफरत करता है,+   तू झूठ बोलनेवालों का नाश कर देगा।+ यहोवा खूँखार और धोखेबाज़ लोगों* से घिन करता है।+   मगर मैं तेरे महान अटल प्यार+ की वजह से तेरे भवन में आऊँगा,+तेरे पवित्र मंदिर* की तरफ मुँह करके श्रद्धा और भय से दंडवत करूँगा।+   हे यहोवा, मेरे दुश्‍मनों की वजह से तू मुझे अपनी नेक राह पर ले चल,उस राह पर आनेवाली हर बाधा दूर कर।+   उनकी कोई भी बात भरोसे के लायक नहीं,उनका मन मैला है,उनका गला एक खुली कब्र है,उनकी जीभ चिकनी-चुपड़ी बातें कहती है।+ 10  मगर परमेश्‍वर उन्हें दोषी ठहराएगा,उनकी अपनी ही साज़िशें उन्हें बरबाद कर देंगी।+ अपने अनगिनत अपराधों की वजह से वे खदेड़ दिए जाएँ,क्योंकि उन्होंने तुझसे बगावत की है। 11  मगर तेरी पनाह में आनेवाले सभी आनंद मनाएँगे,+वे हमेशा खुशी से जयजयकार करेंगे। जो उन्हें चोट पहुँचाने आते हैं, उनका रास्ता तू रोक देगा और तेरे नाम से प्यार करनेवाले तेरे कारण आनंद मनाएँगे। 12  क्योंकि हे यहोवा, तू हर नेक जन को आशीष देगा,तेरी मंज़ूरी एक बड़ी ढाल की तरह उनकी रक्षा करेगी।+

कई फुटनोट

शब्दावली देखें।
या “खून बहानेवाले और धोखा देनेवाले आदमी।”
या “पवित्र-स्थान।”