भजन 7:1-17

  • यहोवा सच्चा न्यायी है

    • ‘हे यहोवा, मेरा न्याय कर’ (8)

दाविद का शोकगीत। इसमें वह यहोवा से उन बातों का ज़िक्र करता है जो बिन्यामीन गोत्र के कूश ने कही थीं। 7  हे यहोवा मेरे परमेश्‍वर, मैंने तेरी पनाह ली है।+ सतानेवालों से मुझे बचा ले, मुझे छुड़ा ले।+   वरना वे शेर की तरह मेरी बोटी-बोटी कर देंगे,+मुझे उठा ले जाएँगे और मुझे बचानेवाला कोई न होगा।   हे यहोवा मेरे परमेश्‍वर, अगर गलती मेरी है,मैंने कोई अन्याय किया है,   किसी की अच्छाई का बदला बुराई से दिया है+या दुश्‍मन को बेवजह लूटा है,*   तो तू दुश्‍मन को न रोक,वह मेरा पीछा करके मुझे पकड़ ले,मुझे ज़मीन पर रौंदकर मार डाले,मेरी शान मिट्टी में मिला दे। (सेला )   हे यहोवा, उठ! अपना क्रोध दिखा,मेरे झुँझलाए हुए दुश्‍मनों के खिलाफ खड़ा हो,+मेरी खातिर जाग और न्याय की माँग कर।+   राष्ट्र तुझे घेर लेंऔर तू ऊँचे पर से उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।   यहोवा देश-देश के लोगों को फैसला सुनाएगा।+ हे यहोवा, मेरे नेक और निर्दोष चालचलन के मुताबिकमेरा न्याय कर।+   दुष्टों की करतूतों का अंत कर दे, मगर नेक लोगों को महफूज़ रख,+क्योंकि तू नेक परमेश्‍वर है,+ जो दिलों को और गहरी भावनाओं को जाँचता है।*+ 10  परमेश्‍वर मेरी ढाल है,+ सीधे-सच्चे मनवालों का उद्धारकर्ता है।+ 11  परमेश्‍वर सच्चा न्यायी है,+वह हर दिन दुष्टों को फैसला* सुनाता है। 12  अगर कोई पश्‍चाताप न करे,+तो परमेश्‍वर अपनी तलवार तेज़ करता है,+अपनी कमान चढ़ाता है,+ 13  अपने घातक हथियार तैयार करता है,अपने जलते तीरों से निशाना साधता है।+ 14  उसे देख जिसकी कोख में दुष्टता पलती है,उसे फसाद का गर्भ ठहरता है, वह झूठ को जन्म देता है।+ 15  वह गड्‌ढा खोदकर उसे और गहरा करता है,मगर उस गड्‌ढे में वह खुद गिर जाता है।+ 16  उसने जो मुसीबत खड़ी की है वह उसी के सिर पड़ेगी,+उसने जो हिंसा की है वह खुद उसका शिकार हो जाएगा। 17  मैं यहोवा के न्याय के लिए उसकी तारीफ करूँगा,+परम-प्रधान यहोवा+ के नाम की तारीफ में गीत गाऊँगा।*+

कई फुटनोट

या शायद, “जबकि मैंने उसे छोड़ दिया है जो बेवजह मेरा विरोध करता है।”
या “दिलों और गुरदों को परखता है।”
या “ज़बरदस्त तरीके से सज़ा।”
या “संगीत बजाऊँगा।”