भजन 82:1-8

  • परमेश्‍वर से सच्चे न्याय की दुहाई

    • वह “ईश्‍वरों” के बीच न्याय करता है (1)

    • ‘दीन-दुखियों की पैरवी करो’ (3)

    • “तुम सब ईश्‍वर हो” (6)

आसाप का सुरीला गीत।+ 82  परमेश्‍वर अपनी सभा में खड़ा होता है,+ईश्‍वरों के बीच* वह न्याय करता है+ और कहता है,   “तुम कब तक अन्याय करते रहोगे?+कब तक दुष्टों की तरफदारी करते रहोगे?+ (सेला )   दीन-दुखियों और अनाथों* की पैरवी* करो।+ लाचार और बेसहारा लोगों को न्याय दिलाओ।+   दीन-दुखियों और गरीबों को बचाओ,उन्हें दुष्टों के हाथों से छुड़ाओ।”   ये न्यायी न तो कुछ जानते हैं, न कुछ समझते हैं,+वे अंधकार में भटक रहे हैं,पृथ्वी की पूरी बुनियाद हिलायी जा रही है।+   “मैंने कहा, ‘तुम सब ईश्‍वर* हो,+परम-प्रधान परमेश्‍वर के बेटे हो।   फिर भी दूसरे इंसानों की तरह तुम्हारी भी मौत होगी,+दूसरे हाकिमों की तरह तुम भी गिर जाओगे!’”+   हे परमेश्‍वर उठ, दुनिया का इंसाफ कर,+क्योंकि सब राष्ट्र तेरे हैं।

कई फुटनोट

या “जो ईश्‍वर जैसे हैं उनके बीच।”
या “का न्याय।”
या “जिनके पिता की मौत हो गयी है।”
या “ईश्‍वर जैसे।”