भजन 84:1-12

  • परमेश्‍वर के महान डेरे के लिए तरसना

    • एक लेवी की पंछी बनने की चाह (3)

    • “तेरे आँगनों में एक दिन” (10)

    • ‘परमेश्‍वर सूरज और ढाल है’ (11)

कोरह के वंशजों का सुरीला गीत।+ गित्तीत* के सिलसिले में निर्देशक के लिए हिदायत। 84  हे सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा,तेरा महान डेरा कितना प्यारा है!+   मेरा मन यहोवा के आँगनों में जाने के लिए तरस रहा है,आस लगाते-लगाते मैं पस्त हो गया हूँ।+ मेरा तन और मन खुशी से जीवित परमेश्‍वर की जयजयकार करता है।   हे सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा,मेरे राजा और मेरे परमेश्‍वर,देख! पंछी तेरी महान वेदी के पास आशियाना बनाता है,अबाबील अपना घोंसला बनाती है,जहाँ वह अपने बच्चों की देखभाल करती है!   सुखी हैं वे जो तेरे भवन में निवास करते हैं!+ वे लगातार तेरी तारीफ करते हैं।+ (सेला )   सुखी हैं वे जो तुझसे ताकत पाते हैं,+जिनका मन तेरे भवन को जानेवाली राहों पर लगा है।   जब वे बाका घाटी* से होकर गुज़रते हैं,तो वे उसे सोतों का इलाका समझते हैंऔर शुरू की बारिश उसे आशीषों का ओढ़ना ओढ़ाती है।*   वे चलते जाते हैं, उनका दमखम बढ़ता ही रहता है,+हर कोई सिय्योन में परमेश्‍वर के सामने हाज़िर होता है।   हे सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन,हे याकूब के परमेश्‍वर, मेरी दुआ सुन। (सेला )   हे हमारी ढाल+ और हमारे परमेश्‍वर,*अपने अभिषिक्‍त के चेहरे पर नज़र डाल।+ 10  क्योंकि तेरे आँगनों में एक दिन बिताना, कहीं और हज़ार दिन बिताने से कहीं बेहतर है!+ दुष्टों के तंबुओं में निवास करने के बजायअपने परमेश्‍वर के भवन की दहलीज़ पर खड़ा रहना मुझे ज़्यादा पसंद है। 11  क्योंकि यहोवा परमेश्‍वर हमारा सूरज+ और हमारी ढाल है,+वह हम पर कृपा करता है, हमारा सम्मान बढ़ाता है। जो निर्दोष चाल चलते हैं,उन्हें यहोवा कोई भी अच्छी चीज़ देने से पीछे नहीं हटेगा।+ 12  हे सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा,सुखी है वह इंसान जो तुझ पर भरोसा रखता है।+

कई फुटनोट

शब्दावली देखें।
या शायद, “शिक्षक आशीषों का ओढ़ना ओढ़ता है।”
या “बाका झाड़ियों की घाटी।”
या शायद, “हे परमेश्‍वर, हमारी ढाल देख।”