भजन 9:1-20

  • परमेश्‍वर के आश्‍चर्य के कामों का बखान

    • यहोवा, एक ऊँचा गढ़ (9)

    • उसका नाम जानना, उस पर भरोसा रखना है (10)

दाविद का सुरीला गीत। मूत-लब्बेन* के सिलसिले में निर्देशक के लिए हिदायत। א [आलेफ ] 9  हे यहोवा, मैं पूरे दिल से तेरी तारीफ करूँगा,तेरे सभी आश्‍चर्य के कामों का बखान करूँगा।+   मैं तेरे कारण मगन होऊँगा, खुशियाँ मनाऊँगा,हे परम-प्रधान परमेश्‍वर, मैं तेरे नाम की तारीफ में गीत गाऊँगा।*+ ב [बेथ ]   जब मेरे दुश्‍मन भागेंगे,+तो वे तेरे सामने लड़खड़ाकर गिर पड़ेंगे और मिट जाएँगे।   क्योंकि तू मेरी पैरवी करके मुझे न्याय दिलाता है,अपनी राजगद्दी पर बैठकर नेकी से न्याय करता है।+ ג [गिमेल ]   तूने राष्ट्रों को डाँट लगायी+ और दुष्टों का नाश किया,उनका नाम हमेशा के लिए मिटा दिया।   दुश्‍मन हमेशा के लिए तबाह हो गए,तूने उनके शहर उखाड़ फेंके हैं,उन्हें कभी याद तक नहीं किया जाएगा।+ ה [हे ]   मगर यहोवा सदा विराजमान रहेगा,+उसने न्याय के लिए अपनी राजगद्दी मज़बूती से कायम की है।+   वह सारे जगत* का न्याय नेकी से करेगा,+राष्ट्रों के मुकदमों का सही फैसला सुनाएगा।+ ו [वाव ]   यहोवा, सताए जानेवालों के लिए ऊँचा गढ़ बन जाएगा,+मुसीबत की घड़ी में ऊँचा गढ़ बन जाएगा।+ 10  तेरा नाम जाननेवाले तुझ पर भरोसा रखेंगे,+हे यहोवा, जो तेरी खोज करते हैं, उन्हें तू कभी नहीं छोड़ेगा।+ ז [जैन ] 11  यहोवा, जो सिय्योन में निवास करता है, उसकी तारीफ में गीत गाओ,उसके कामों के बारे में देश-देश के लोगों को बताओ।+ 12  क्योंकि खून का बदला लेनेवाला परमेश्‍वर उन्हें याद रखता है,+वह पीड़ितों की पुकार नहीं भूलेगा।+ ח [हेथ ] 13  हे यहोवा, मुझ पर कृपा कर,तू जो मुझे मौत के फाटकों से उठाता है,+मेरे दुख पर ध्यान दे जो दुश्‍मन मुझे दे रहे हैं 14  ताकि मैं सिय्योन की बेटी के फाटकों के पासतेरे उन कामों का ऐलान करूँ जो तारीफ के काबिल हैं,+तू जो उद्धार दिलाता है उससे मगन होऊँ।+ ט [टेथ ] 15  राष्ट्रों ने जो गड्‌ढा खोदा था उसमें वे खुद गिर पड़े,उन्होंने जो जाल बिछाया था उसमें उन्हीं के पैर फँस गए।+ 16  यहोवा जो सज़ा देता है, वह दिखाता है कि वह कैसा परमेश्‍वर है।+ दुष्ट की कारस्तानी उसी के लिए फंदा बन गयी है।+ हिग्गायोन।* (सेला ) י [योध ] 17  दुष्ट कब्र में लौट जाएँगे,परमेश्‍वर को भूलनेवाले सब राष्ट्र वहीं जाएँगे। 18  मगर गरीब हमेशा भुलाए नहीं जाएँगे,+न ही दीनों की आशा पर पानी फिरेगा।+ כ [काफ ] 19  हे यहोवा, उठ! नश्‍वर इंसान का ज़ोर चलने न दे। तेरी मौजूदगी में राष्ट्रों को सज़ा मिले।+ 20  हे यहोवा, राष्ट्रों में खौफ समा दे,+वे सिर्फ नश्‍वर इंसान हैं, यह उन्हें जता दे। (सेला )

कई फुटनोट

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या “संगीत बजाऊँगा।”
या “उपजाऊ ज़मीन।”
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