भजन 91:1-16

  • परमेश्‍वर की गुप्त जगह में हिफाज़त

    • बहेलिए से बचाए गए (3)

    • परमेश्‍वर के पंखों तले पनाह (4)

    • हज़ार गिरेंगे पर तू सलामत रहेगा (7)

    • स्वर्गदूतों को हिफाज़त करने का हुक्म (11)

91  जो कोई परम-प्रधान की गुप्त जगह में निवास करता है,+वह सर्वशक्‍तिमान के साए में बसेरा करेगा।+   मैं यहोवा से कहूँगा, “तू मेरी पनाह और मेरा मज़बूत गढ़ है,+मेरा परमेश्‍वर जिस पर मैं भरोसा करता हूँ।”+   वह तुझे बहेलिए के फंदे से,जानलेवा महामारी से बचाएगा।   वह अपने डैनों से तुझे ढाँप लेगा*और उसके पंखों तले तू पनाह लेगा।+ उसकी वफादारी+ एक बड़ी ढाल+ और सुरक्षा-दीवार ठहरेगी।   तुझे रात का खौफ नहीं सताएगा,+न ही तू दिन में चलनेवाले तीरों से घबराएगा,+   न तो तुझे अँधेरे में पीछा करनेवाली महामारी का डर होगा,न ही दिन-दोपहरी होनेवाली तबाही का डर होगा।   तेरे एक तरफ हज़ार लोग ढेर हो जाएँगेऔर दायीं तरफ दस हज़ार गिर पड़ेंगेमगर कोई खतरा तेरे पास तक नहीं फटकेगा।+   तू सिर्फ अपनी आँखों से यह सब देखेगा,दुष्टों को सज़ा पाते देखेगा।   तूने कहा है, “यहोवा मेरी पनाह है,” तूने परम-प्रधान को अपना निवास* बनाया है,+ 10  इसलिए तुझ पर कोई संकट नहीं आएगा,+कोई कहर तेरे तंबू के पास तक नहीं फटकेगा। 11  क्योंकि परमेश्‍वर तेरे बारे में अपने स्वर्गदूतों+ को हुक्म देगाकि तेरी सब राहों में वे तेरी हिफाज़त करें।+ 12  वे तुझे हाथों-हाथ उठा लेंगे+ताकि तेरा पैर किसी पत्थर से चोट न खाए।+ 13  तू शेर और नाग को कुचल देगा,जवान शेर और बड़े साँप को पैरों से रौंद डालेगा।+ 14  परमेश्‍वर ने कहा है, “वह मुझसे गहरा लगाव रखता है,* इसलिए मैं उसे बचाऊँगा।+ मैं उसकी रक्षा करूँगा क्योंकि वह मेरा नाम जानता है।*+ 15  वह मुझे पुकारेगा और मैं उसे जवाब दूँगा।+ मैं संकट के समय उसके साथ रहूँगा।+ मैं उसे बचाऊँगा और सम्मान दिलाऊँगा। 16  मैं उसे लंबी उम्र देकर संतुष्ट करूँगा,+उसे उद्धार करने की अपनी शक्‍ति दिखाऊँगा।”+

कई फुटनोट

या “तेरे पास आने का रास्ता रोक देगा।”
या शायद, “किला; पनाह।”
शा., “जुड़ गया है।”
या “नाम कबूल करता है।”