मत्ती के मुताबिक खुशखबरी 28:1-20

  • यीशु को मरे हुओं में से ज़िंदा किया गया (1-10)

  • सैनिकों को रिश्‍वत दी गयी (11-15)

  • चेले बनाने की आज्ञा (16-20)

28  सब्त के बाद, हफ्ते के पहले दिन पौ फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आयीं।+  कुछ समय पहले एक भारी भूकंप आया था क्योंकि यहोवा* का दूत स्वर्ग से उतरा था। उसने कब्र के मुँह पर रखा पत्थर लुढ़का दिया था और उस पर बैठा हुआ था।+  उसका रूप बिजली जैसा था और उसके कपड़े बर्फ जैसे सफेद थे।+  पहरेदार उससे इतने डर गए थे कि वे काँपने लगे और मुरदे जैसे हो गए।  मगर जब ये औरतें कब्र पर आयीं, तो स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “डरो मत। तुम यीशु को ढूँढ़ रही हो न, जिसे काठ पर लटकाकर मार डाला गया था?+  वह यहाँ नहीं है। जैसा उसने कहा था, उसे ज़िंदा कर दिया गया है।+ आकर यह जगह देखो जहाँ उसे रखा गया था।  अब तुम जल्दी जाओ और जाकर उसके चेलों को बताओ कि उसे मरे हुओं में से ज़िंदा कर दिया गया है और वह तुमसे पहले गलील जाएगा+ और वहाँ तुम उसे देखोगे। मैं तुम्हें यही संदेश देने आया हूँ।”+  यह सुनकर वे फौरन कब्र के पास से निकल पड़ीं। वे डरी हुई थीं पर साथ ही, खुशी से फूली नहीं समा रही थीं। वे उसके चेलों को खबर देने के लिए दौड़ी-दौड़ी जा रही थीं+  कि अचानक यीशु उनसे रास्ते में मिला और उन्हें सलाम कहा। वे उसके पास गयीं और उन्होंने उसके पैर पकड़ लिए और उसे झुककर प्रणाम* किया। 10  तब यीशु ने उनसे कहा, “डरो मत! जाकर मेरे भाइयों को खबर दो कि वे गलील चले जाएँ। वे मुझे वहाँ देखेंगे।” 11  जब ये औरतें रास्ते में ही थीं, तो कब्र पर पहरा देनेवाले पहरेदारों में से कुछ,+ शहर में गए और उन्होंने सारी घटनाएँ प्रधान याजकों को सुनायीं। 12  तब प्रधान याजकों ने मुखियाओं को बुलाया और उनके साथ सलाह-मशविरा करने के बाद सैनिकों को घूस में बहुत चाँदी दी 13  और उनसे कहा, “तुम बोल देना कि रात में जब हम सो रहे थे, तब उसके चेले आए और उसे चुराकर ले गए।+ 14  और अगर यह बात राज्यपाल के कानों तक पहुँचेगी, तो हम उसे समझा देंगे* और तुम्हारी सारी चिंता दूर कर देंगे।” 15  तब पहरेदारों ने चाँदी के सिक्के ले लिए और उन्हें जैसा बताया गया था उन्होंने वैसा ही किया और आज तक हर कहीं यह किस्सा यहूदियों में फैला हुआ है। 16  वे 11 चेले गलील में उस पहाड़ पर गए,+ जहाँ यीशु ने उन्हें मिलने के लिए कहा था।+ 17  जब उन्होंने उसे देखा तो झुककर प्रणाम* किया, मगर उनमें से कुछ ने शक किया। 18  यीशु उनके पास आया और उसने कहा, “स्वर्ग में और धरती पर सारा अधिकार मुझे दिया गया है।+ 19  इसलिए जाओ और सब राष्ट्रों के लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ+ और उन्हें पिता, बेटे और पवित्र शक्‍ति के नाम से बपतिस्मा दो।+ 20  और उन्हें वे सारी बातें मानना सिखाओ जिनकी मैंने तुम्हें आज्ञा दी है।+ और देखो! मैं दुनिया की व्यवस्था* के आखिरी वक्‍त+ तक हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा।”

कई फुटनोट

अति. क5 देखें।
या “दंडवत।”
शा., “कायल कर देंगे।”
या “दंडवत।”
या “ज़माने।” शब्दावली देखें।