मत्ती के मुताबिक खुशखबरी 3:1-17

  • यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले का प्रचार काम (1-12)

  • यीशु का बपतिस्मा (13-17)

3  उन दिनों यूहन्‍ना+ बपतिस्मा देनेवाला यहूदिया के वीरान इलाकों में आया और यह प्रचार करने लगा,+  “पश्‍चाताप करो क्योंकि स्वर्ग का राज पास आ गया है।”+  दरअसल यूहन्‍ना वही है जिसके बारे में भविष्यवक्‍ता यशायाह+ से यह कहलवाया गया था, “सुनो! वीराने में कोई पुकार रहा है, ‘यहोवा* का रास्ता तैयार करो, उसकी सड़कें सीधी करो।’”+  यूहन्‍ना ऊँट के बालों से बने कपड़े पहने था और कमर पर चमड़े का पट्टा बाँधे हुए था।+ उसका खाना टिड्डियाँ और जंगली शहद था।+  तब यरूशलेम, पूरे यहूदिया और यरदन नदी के आस-पास के सारे इलाके से लोग उसके पास जाने लगे।+  वे अपने पापों को खुलकर मान लेते थे और वह उन्हें यरदन नदी में बपतिस्मा देता* था।+  जब यूहन्‍ना ने कई फरीसियों और सदूकियों+ को बपतिस्मे की जगह आते देखा तो उसने उनसे कहा, “अरे साँप के सँपोलो,+ किसने तुम्हें आगाह कर दिया कि तुम आनेवाले कहर से भाग सकते हो?+  इसलिए पश्‍चाताप दिखानेवाले फल पैदा करो।  अब यह मत सोचो, ‘हम तो अब्राहम के वंशज हैं।’+ क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि परमेश्‍वर इन पत्थरों से अब्राहम के लिए संतान पैदा कर सकता है। 10  पेड़ों की जड़ पर कुल्हाड़ा रखा जा चुका है। हर वह पेड़ जो अच्छा फल नहीं देता, उसे काटकर आग में झोंक दिया जाएगा।+ 11  मैं तो तुम्हारे पश्‍चाताप की वजह से तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूँ।+ मगर जो मेरे बाद आनेवाला है, वह मुझसे कहीं शक्‍तिशाली है। मैं उसकी जूतियाँ उतारने के भी लायक नहीं हूँ।+ वह तुम लोगों को पवित्र शक्‍ति से और आग से बपतिस्मा देगा।+ 12  उसके हाथ में अनाज फटकनेवाला बेलचा है, वह अपने खलिहान को पूरी तरह साफ करेगा और अपने गेहूँ को तो इकट्ठा करके गोदाम में रखेगा, मगर भूसी को उस आग में जला देगा+ जिसे बुझाया नहीं जा सकता।” 13  फिर यीशु गलील से यरदन नदी के पास आया ताकि यूहन्‍ना से बपतिस्मा ले।+ 14  मगर यूहन्‍ना ने यह कहकर उसे रोकने की कोशिश की, “मुझे तो खुद तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की ज़रूरत है और तू मेरे पास आया है?” 15  तब यीशु ने उससे कहा, “इस वक्‍त ऐसा ही होने दे क्योंकि हमें वही करना चाहिए जो परमेश्‍वर की नज़र में सही* है।” तब यूहन्‍ना ने उसे नहीं रोका। 16  बपतिस्मा लेने के बाद यीशु फौरन पानी में से ऊपर आया। तब आकाश खुल गया+ और उसने परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति को एक कबूतर के रूप में उस पर उतरते देखा।+ 17  तभी स्वर्ग से आवाज़ आयी:+ “यह मेरा प्यारा बेटा है।+ मैंने इसे मंज़ूर किया है।”+

कई फुटनोट

अति. क5 देखें।
या “डुबकी दिलाता।”
या “नेक।”