मीका 3:1-12

  • अगुवे और भविष्यवक्‍ता धिक्कारे गए (1-12)

    • यहोवा की पवित्र शक्‍ति ने मीका को ताकत से भर दिया (8)

    • याजक सिखाने के पैसे माँगते हैं (11)

    • यरूशलेम मलबे का ढेर बन जाएगा (12)

3  मैंने कहा, “हे याकूब के मुखियाओ,हे इसराएल के घराने के शासको, सुनो!+ क्या न्याय करना तुम्हारा काम नहीं?   लेकिन तुम अच्छाई से नफरत+ और बुराई से प्यार करते हो,+मेरे लोगों की चमड़ी उधेड़ देते हो, उनकी हड्डियों से माँस नोंच लेते हो।+   यही नहीं, तुम मेरे लोगों का माँस खाते हो,+उनकी खाल खींच लेते हो।जैसे हंडे* में माँस पकाने के लिए उसके टुकड़े-टुकड़े किए जाते हैं,वैसे ही तुम मेरे लोगों की हड्डियाँ तोड़ते हो, उन्हें चूर-चूर करते हो।+   उस समय तुम मदद के लिए यहोवा को पुकारोगे,लेकिन वह तुम्हें कोई जवाब नहीं देगा, तुम्हारे दुष्ट कामों की वजह से वह तुमसे मुँह फेर लेगा।+   भविष्यवक्‍ता मेरे लोगों को गुमराह कर रहे हैं।+ जब उन्हें खाना* मिलता है तो वे कहते हैं, ‘शांति है, शांति!’+ मगर जब कोई उन्हें खाना नहीं देता,* तो वे उसके खिलाफ जंग छेड़ देते हैं। ऐसे भविष्यवक्‍ताओं के खिलाफ यहोवा यह ऐलान करता है,   ‘तुम पर ऐसी रात आएगी,+ जब तुम्हें कोई दर्शन नहीं मिलेगा,+तुम्हारे चारों तरफ अँधेरा-ही-अँधेरा होगा,तुम ज्योतिषी का काम नहीं कर पाओगे। भविष्यवक्‍ताओं के लिए सूरज डूब जाएगा,दिन अंधकार में बदल जाएगा।+   दर्शियों को शर्मिंदा होना पड़ेगा,+ज्योतिषियों को निराश होना पड़ेगा। उन्हें परमेश्‍वर की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलेगा,इसलिए सब-के-सब अपनी मूँछें* ढाँप लेंगे।’”   लेकिन यहोवा की पवित्र शक्‍ति ने मुझे ताकत से भर दिया हैकि मैं न्याय और हिम्मत के साथयाकूब को उसके अपराध और इसराएल को उसके पाप बता सकूँ।   हे याकूब के घराने के मुखियाओ,हे इसराएल के घराने के शासको, सुनो!+तुम न्याय से घृणा करते हो, जो सीधा है उसे टेढ़ा कर देते हो।+ 10  तुमने सिय्योन को खून-खराबे से और यरूशलेम को बुरे कामों से खड़ा किया है।+ 11  उसके अगुवे फैसला सुनाने के लिए घूस खाते हैं,+याजक सिखाने की कीमत लेते हैं+और भविष्यवक्‍ता ज्योतिष-विद्या के लिए पैसे* माँगते हैं।+ फिर भी वे यहोवा पर भरोसा रखकर* कहते हैं,“क्या यहोवा हमारे साथ नहीं?+ हम पर कोई मुसीबत नहीं आएगी।”+ 12  इसलिए तुम्हारे कारणसिय्योन एक खेत की तरह जोता जाएगा,यरूशलेम मलबे का ढेर बन जाएगा,+इस भवन का पहाड़* जंगल की पहाड़ियों जैसा* बन जाएगा।+

कई फुटनोट

या “चौड़े मुँहवाले हंडे।”
या “चबाने को।”
या “उनके मुँह में कुछ नहीं देता।”
या “अपना मुँह।”
या “चाँदी।”
या “भरोसा रखने का दम भरकर।”
या “मंदिर की पहाड़ी।”
या “जंगल की ऊँची जगह जैसी।”