मीका 4:1-13

  • यहोवा का पर्वत ऊँचा किया जाएगा (1-5)

    • तलवारों को हल के फाल बनाएँगे (3)

    • ‘हम यहोवा का नाम लेकर चलेंगे’ (5)

  • बहाली के बाद सिय्योन शक्‍तिशाली (6-13)

4  आखिरी दिनों में,यहोवा के भवन का पर्वत,+सब पहाड़ों के ऊपर बुलंद किया जाएगाऔर सभी पहाड़ियों से ऊँचा किया जाएगा। देश-देश के लोग धारा के समान उसकी ओर आएँगे,+   बहुत-से राष्ट्र आएँगे और कहेंगे,“आओ हम यहोवा के पर्वत पर चढ़ें,याकूब के परमेश्‍वर के भवन की ओर जाएँ।+ वह हमें अपने मार्ग सिखाएगाऔर हम उसकी राहों पर चलेंगे।” क्योंकि सिय्योन से कानून* दिया जाएगाऔर यरूशलेम से यहोवा का वचन।   वह देश-देश के लोगों को अपने फैसले सुनाएगा,+दूर-दूर के शक्‍तिशाली राष्ट्रों के मामले सुलझाएगा। वे अपनी तलवारें पीटकर हल के फालऔर अपने भालों को हँसिया बनाएँगे।+ एक देश दूसरे देश पर फिर तलवार नहीं चलाएगाऔर न लोग फिर कभी युद्ध करना सीखेंगे।+   हर कोई अपनी अंगूरों की बेल और अपने अंजीर के पेड़ तले बैठेगा+और कोई उसे नहीं डराएगा,+क्योंकि यह बात सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा ने कही है।   सब देशों के लोग अपने-अपने ईश्‍वर का नाम लेकर चलेंगे,मगर हम अपने परमेश्‍वर यहोवा का नाम लेकर हमेशा-हमेशा तक चलते रहेंगे।+   यहोवा ऐलान करता है,“उस दिन मैं उन्हें इकट्ठा करूँगा जो लँगड़ाते थे,उन्हें बटोरूँगा जो तितर-बितर हो गए थे+और उन सबको जमा करूँगा जिनके साथ मैंने सख्ती की थी।   लँगड़ानेवालों में से कुछ लोगों को मैं बचाऊँगा,+जिन्हें दूर भेज दिया था उन्हें एक ताकतवर राष्ट्र बनाऊँगा।+यहोवा उनका राजा बनेगाऔर सिय्योन पहाड़ से हमेशा-हमेशा तक उन पर राज करेगा।   हे झुंड की मीनार,हे सिय्योन की बेटी के टीले,+पहली हुकूमत लौट आएगी, वह तेरे पास फिर लौट आएगी,+हाँ, यरूशलेम की बेटी को अपना राज वापस मिल जाएगा।+   फिर तू क्यों इतनी ज़ोर से चिल्ला रही है? क्या तुझ पर कोई राजा नहीं? क्या तेरा सलाहकार मिट चुका है? क्या इसीलिए तू ऐसे तड़प रही है, जैसे कोई औरत बच्चा जनते वक्‍त तड़पती है?+ 10  हे सिय्योन की बेटी,बच्चा जननेवाली की तरह दर्द से कराह और छटपटा,क्योंकि अब तुझे शहर से निकलकर खुले मैदान में रहना पड़ेगा। तू बहुत दूर बैबिलोन चली जाएगी,+पर वहाँ से तुझे छुड़ाया जाएगा,+यहोवा तुझे तेरे दुश्‍मनों के हाथ से वापस खरीद लेगा।+ 11  कई राष्ट्र तेरे खिलाफ इकट्ठा होंगेऔर तेरे बारे में कहेंगे, ‘सिय्योन को दूषित होने दो!हम अपनी आँखों से उसके साथ ऐसा होते देखेंगे।’ 12  लेकिन वे यहोवा की सोच नहीं जानते,न उसके मकसद को समझते हैं।वह उन्हें ऐसे बटोर लेगा, जैसे अभी-अभी काटी गयी फसल खलिहान में बटोरी जाती है। 13  हे सिय्योन की बेटी, जल्दी कर और दाँवना शुरू कर।+ मैं तेरे सींग लोहे के बना दूँगा,तेरे खुरों को ताँबे का बना दूँगाऔर तू देश-देश के लोगों को रौंद डालेगी।+ तू उनकी बेईमानी की कमाई यहोवा के लिए अलग ठहराएगीऔर उनकी दौलत सारे जहान के सच्चे प्रभु के लिए अलग रखेगी।”+

कई फुटनोट

या “शिक्षा।”