यशायाह 12:1-6

  • धन्यवाद का गीत (1-6)

    • “याह यहोवा मेरी ताकत है” (2)

12  उस दिन तू यह ज़रूर कहेगा, “हे यहोवा, तेरा लाख-लाख शुक्रिया! भले ही तेरा क्रोध मुझ पर भड़क उठा था,पर अब तेरा क्रोध थम गया है और तूने मुझे दिलासा दिया है।+   देखो, परमेश्‍वर मेरा उद्धारकर्ता है,+मैं उस पर भरोसा रखूँगा और मुझे कोई डर नहीं सताएगा।+ याह* यहोवा मेरी ताकत है, मेरा बल है,वही मेरा उद्धारकर्ता है।”+   तुम खुशी-खुशी उद्धार के सोतों से पानी भरोगे।+   उस दिन तुम कहोगे,“यहोवा का शुक्रिया अदा करो, उसका नाम पुकारो,उसके कामों के बारे में देश-देश के लोगों को बताओ!+ ऐलान करो कि उसका नाम कितना महान है।+   यहोवा की तारीफ में गीत गाओ*+ क्योंकि उसने शानदार काम किए हैं,+ यह खबर पूरी दुनिया में फैलाओ।   हे सिय्योन की रहनेवाली,* खुशी के मारे जयजयकार कर,क्योंकि तेरे बीच इसराएल का पवित्र परमेश्‍वर महान है।”

कई फुटनोट

“याह” यहोवा नाम का छोटा रूप है।
या “संगीत बजाओ।”
यहाँ सिय्योन के लोगों को एक औरत बताया गया है।