यशायाह 16:1-14
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मोआब को संदेश सुनाना जारी (1-14)
16 देश के शासक को एक मेढ़ा भेजो,उस मेढ़े को सेला से लो और वीराने के रास्ते से होते हुए,उसे सिय्योन की बेटी के पहाड़ पर पहुँचाओ।
2 अरनोन के घाट पर मोआब के लोग ऐसे दिखेंगे,+जैसे किसी चिड़िया को उसके घोंसले से भगा दिया हो।+
3 “सलाह दो, फैसले को अंजाम दो,भरी दोपहरी में छाँव बनकर हिफाज़त दो,ऐसी छाँव जो रात के अँधेरे जितनी घनी हो।
तितर-बितर हुए लोगों को छिपा लो, भागनेवालों को दुश्मनों के हवाले मत करो।
4 हे मोआब, तू तितर-बितर हुए मेरे लोगों को अपने बीच रहने दे,उनके लिए छिपने की जगह बन जा कि वे नाश करनेवाले से बच जाएँ।+
ज़ुल्म ढानेवाले का नाश हो जाएगा,तबाही का अंत हो जाएगा,दूसरों को कुचलनेवाले धरती से मिट जाएँगे।
5 इसके बाद एक राजगद्दी कायम की जाएगी, जिसकी बुनियाद अटल प्यार होगी।
दाविद के तंबू में जो उस राजगद्दी पर बैठेगा वह विश्वासयोग्य होगा,+वह सच्चा न्याय करेगा और नेक काम करने के लिए तत्पर रहेगा।”+
6 हमने मोआब के घमंड के बारे में सुना है, वह बड़ा मगरूर है,+हमने उसकी हेकड़ी, उसके घमंड और गुस्से के बारे में सुना है,+लेकिन उसकी बड़ी-बड़ी बातें खोखली निकलेंगी।
7 मोआब अपनी तबाही पर रोएगा,वहाँ के सभी निवासी ज़ोर-ज़ोर से रोएँगे,+
मार खानेवाले लोग कीर-हरासत की किशमिश की टिकियों को याद करके आहें भरेंगे।+
8 हेशबोन+ के सीढ़ीनुमा खेत सूख गए,राष्ट्रों के शासकों ने सिबमा+ की बेलों को,उसकी लाल-लाल बेलों* को रौंद डाला,जो याजेर तक पहुँच चुकी थीं,+वीराने तक बढ़ गयी थीं।
उसकी डालियाँ दूर समुंदर तक फैल गयी थीं।
9 इसलिए जैसे मैं याजेर की बेलों के लिए रोया, सिबमा की बेलों के लिए भी रोऊँगा।
हे हेशबोन और एलाले, मैं तुम्हें अपने आँसुओं से भिगो दूँगा,+क्योंकि तुम्हारे यहाँ गरमियों की फसल का शोर, फलों की कटाई का शोर बंद हो गया।*
10 बागों से खुशियों और जश्न का माहौल छीन लिया गया,अंगूरों के बाग में कोई गीत नहीं गा रहा, कोई खुशी से नहीं झूम रहा,+
दाख-मदिरा के लिए हौद में अंगूर नहीं रौंदे जा रहे,क्योंकि मैंने उनका शोर-शराबा बंद कर दिया।+
11 इसलिए मेरा मन मोआब के लिए तड़प उठा,+मैं अंदर-ही-अंदर कीर-हरासत के लिए तड़प उठा,मानो किसी ने सुरमंडल के तार छेड़ दिए हों।+
12 मोआब चाहे ऊँची जगहों पर जाकर खुद को थका दे, चाहे अपने पवित्र-स्थान में जाकर दुआएँ माँगे, फिर भी उसकी नहीं सुनी जाएगी।+
13 मोआब के बारे में यह संदेश यहोवा ने पहले ही दे दिया था।
14 अब यहोवा कहता है, “ठीक तीन साल के अंदर* मोआब की शान धूल में मिल जाएगी। चारों तरफ हाहाकार मचेगा। उसमें बस गिने-चुने लोग रह जाएँगे, जो न के बराबर होंगे।”+
कई फुटनोट
^ या “लाल-लाल अंगूरों से लदी बेलों।”
^ या शायद, “गरमियों की फसल और फलों की कटाई के वक्त तुम्हारे यहाँ युद्ध की ललकार सुनायी दे रही है।”
^ शा., “तीन साल, जैसे मज़दूरों के होते हैं।” मज़दूरी का समय पहले से तय होता था, एक भी दिन घटाया-बढ़ाया नहीं जाता था।