यशायाह 3:1-26

  • यहूदा के अगुवे गुमराह करते हैं (1-15)

  • सिय्योन की बेटियों को मिलेगी सज़ा (16-26)

3  देख! सच्चा प्रभु, सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा,यरूशलेम और यहूदा से उनका हर सहारा छीन लेगा।उनकी रोटी-पानी ले लेगा,+   उनके शक्‍तिशाली आदमियों और योद्धाओं को,न्यायियों और भविष्यवक्‍ताओं को,+ ज्योतिषियों और मुखियाओं को,   50 आदमियों के प्रधानों को,+ ऊँचे अधिकारियों और सलाहकारों को,माहिर जादूगरों और सपेरों+ को उनसे छीन लेगा।   मैं लड़कों को उन पर हाकिम ठहराऊँगाऔर उन पर ऐसा शासक राज करेगा जो डाँवाँडोल होता रहता है।   लोग एक-दूसरे पर ज़्यादती करेंगे,हर कोई अपने साथी पर ज़ुल्म ढाएगा,+ लड़का बड़े-बूढ़ों पर हाथ उठाएगाऔर नीच इंसान इज़्ज़तदार का अपमान करेगा।+   हर कोई अपने पिता के घर में अपने भाई को पकड़कर कहेगा, “तेरे पास तो चोगा है, आ हमारा राजा बन जा, खंडहरों के इस ढेर पर राज कर।”   लेकिन वह नहीं मानेगा और कहेगा,“मैं तुम्हारी मरहम-पट्टी* करनेवाला नहीं बन सकता,मुझे खुद खाने-पहनने के लाले पड़े हैं! मुझे नहीं बनना किसी का राजा।”   यरूशलेम डगमगा गया है, यहूदा गिर गया है,क्योंकि उनकी बातें और उनके काम यहोवा के खिलाफ हैं,महिमावान परमेश्‍वर* के सामने उन्होंने उसकी आज्ञा तोड़ी है।+   उनके चेहरे के भाव उनके खिलाफ गवाही देते हैं,वे सदोम के लोगों की तरह अपने पापों का ढिंढोरा पीटते हैं,+इन्हें छिपाने की कोशिश नहीं करते। धिक्कार है उन पर! वे खुद पर बरबादी जो ला रहे हैं। 10  नेक जनों से कह कि उनका भला होगा,उन्हें अपने कामों का अच्छा फल मिलेगा।+ 11  मगर दुष्टों का बुरा हाल होगा, उन पर विपत्ति आ पड़ेगी,क्योंकि जैसा उन्होंने दूसरों के साथ किया, उनके साथ भी वैसा ही होगा। 12  जहाँ तक मेरे लोगों की बात है, उनसे काम करानेवाले बहुत बेरहम हैं,मेरे लोगों पर औरतें राज करती हैं। हे मेरे लोगो, तुम्हारे अगुवे तुम्हें गुमराह कर रहे हैं,उन्होंने तुम्हारे लिए सही राह पहचानना मुश्‍किल कर दिया है।+ 13  यहोवा देश-देश के लोगों से हिसाब लेनेऔर अपना फैसला सुनाने के लिए खड़ा हो गया है। 14  यहोवा अपने लोगों के मुखियाओं और हाकिमों को सज़ा सुनाएगा। वह उनसे कहेगा, “तुमने अंगूरों का बाग जलाकर राख कर दियाऔर गरीबों को लूटकर अपने घर भरे।”+ 15  सारे जहान का मालिक, सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा यह भी कहेगा,“मेरे लोगों को कुचलने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई!गरीबों का मुँह धूल में रगड़ने की तुमने जुर्रत कैसे की!”+ 16  यहोवा कहता है, “सिय्योन की बेटियों में कितना घमंड है,वे सिर उठाए चलती हैं, आँखें मटकाती हैं,पायल से छम-छम करती हुईं, ठुमक-ठुमक कर चलती हैं। 17  इसलिए यहोवा सिय्योन की बेटियों का सिर पपड़ीदार घाव से भर देगा,यहोवा उन्हें गंजा कर देगा।+ 18  उस दिन यहोवा उनके सिंगार की ये चीज़ें छीन लेगा:उनकी पाजेब, माथे की लड़ी, चंद्रहार,+ 19  झुमके, कंगन, घूँघट, 20  ओढ़नी, पायल, सीनाबंद,इत्रदान, तावीज़,* 21  अँगूठी, नथ, 22  कीमती कपड़े, कोटी, शाल, बटुआ, 23  हाथ का आईना,+ मलमल की कुरती,*पगड़ी और घूँघट। 24  बलसाँ के तेल+ की खुशबू की जगह उनसे बदबू आएगी,उनकी कमर पर कमरबंद की जगह रस्सी बँधी होगी,सजे-सँवरे बालों की जगह गंजापन होगा,+कीमती कपड़ों की जगह वे टाट पहनेंगी,+खूबसूरती की जगह उन पर गुलामी का निशान होगा। 25  हे सिय्योन, तेरे आदमी तलवार की भेंट चढ़ जाएँगे,तेरे योद्धा युद्ध में मारे जाएँगे।+ 26  सिय्योन के फाटक रोएँगे और मातम मनाएँगे,+यह नगरी लुटी-पिटी, ज़मीन पर बैठी रहेगी।”+

कई फुटनोट

या “तुम्हें चंगा।”
शा., “महिमा से भरी उसकी आँखों।”
या “सुंदर सीपी का तावीज़।”
या “अंदर पहने जानेवाले कपड़े।”