यशायाह 43:1-28
43 हे याकूब, जिसने तेरी सृष्टि की,हे इसराएल, जिसने तुझे रचा है,+वही यहोवा अब कहता है,
“डर मत, मैंने तुझे छुड़ा लिया है।+
मैंने तेरा नाम लेकर तुझे बुलाया है, तू मेरा है।
2 जब तू पानी में से होकर जाएगा, तो मैं तेरे साथ रहूँगा,+जब तू नदियों में से होकर जाएगा, तो वे तुझे डुबा न सकेंगी,+
जब तू आग में से होकर जाएगा, तो तू नहीं जलेगा,उसकी आँच भी तुझे नहीं लगेगी,
3 क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ,मैं इसराएल का पवित्र परमेश्वर और तेरा उद्धारकर्ता हूँ।
मैंने तेरी फिरौती के लिए मिस्र, इथियोपिया और सबा दिया है।
4 तू मेरी नज़रों में अनमोल है,+तू आदर के लायक ठहरा है और मैं तुझसे प्यार करता हूँ।+
इसलिए मैं तेरे बदले लोगों को दे दूँगा,तेरी जान के बदले राष्ट्रों को दे दूँगा।
5 डर मत क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ!+
मैं तेरे वंश को पूरब से ले आऊँगाऔर पश्चिम से तुझे इकट्ठा करूँगा।+
6 मैं उत्तर से कहूँगा, ‘उन्हें छोड़ दे!’+
दक्षिण से कहूँगा, ‘उन्हें मत रोक।
मेरे बेटों को दूर से और मेरी बेटियों को धरती के कोने-कोने से ले आ।+
7 हर कोई जो मेरे नाम से जाना जाता है,+जिसे मैंने अपनी महिमा के लिए सिरजा है,जिसे मैंने रचा और बनाया है,+ उसे ले आ।’
8 उन लोगों को ले आ जिनकी आँखें तो हैं, मगर वे अंधे हैं,जिनके कान तो हैं, मगर वे बहरे हैं।+
9 सब राष्ट्र एक जगह इकट्ठा होंऔर देश-देश के लोग जमा हों।+
उनमें* ऐसा कौन है जो ये बातें बता सकता है?
या यह सुना सकता है कि पहली बातें* क्या हैं?+
वह खुद को सही साबित करने के लिए साक्षियों को लाएकि दूसरे सुनकर कहें, ‘यह सच है।’”+
10 यहोवा ऐलान करता है, “तुम मेरे साक्षी हो,+हाँ, मेरा वह सेवक, जिसे मैंने चुना है+कि तुम मुझे जानो और मुझ पर विश्वास* करोऔर यह जान लो कि मैं वही हूँ।+
मुझसे पहले न कोई ईश्वर हुआऔर न मेरे बाद कोई होगा।+
11 मैं ही यहोवा हूँ,+ मेरे अलावा कोई उद्धारकर्ता नहीं।”+
12 यहोवा कहता है,
“जब तुम्हारे बीच कोई पराया देवता नहीं था,+तब मैंने ही तुमसे बात की, तुम्हें बचाया और तुम्हें समझ दी।
इसलिए तुम मेरे साक्षी हो और मैं परमेश्वर हूँ।+
13 मैं हमेशा से वैसा ही हूँ।+
ऐसा कोई नहीं जो मेरे हाथ से कुछ छीनकर ले जा सके।+
जब मैं कुछ करता हूँ तो उसे कौन रोक सकता है?”+
14 तुम्हारा छुड़ानेवाला और इसराएल का पवित्र परमेश्वर यहोवा कहता है,+
“तुम्हारी खातिर मैं उन्हें बैबिलोन भेजूँगा और सारे फाटकों को गिरा दूँगा+और कसदी अपने जहाज़ों में दुख के मारे रोएँगे।+
15 मैं यहोवा हूँ, तुम्हारा पवित्र परमेश्वर,+ इसराएल का सृष्टिकर्ता+ और तुम्हारा राजा।”+
16 यहोवा जो समुंदर के बीच से रास्ता बनाता है,उफनती लहरों में से भी राह निकालता है,+
17 जो अपने साथ युद्ध-रथों और घोड़ों को ले चलता है,+वीर योद्धाओं के साथ पूरी सेना लेकर आता है, वह कहता है,
“वे ऐसे गिरेंगे कि फिर न उठ सकेंगे,+उन्हें बुझा दिया जाएगा जैसे जलती बाती बुझा दी जाती है।”
18 “गुज़री बातों को याद मत करो,बीती बातों के बारे में मत सोचते रहो।
19 देखो! मैं कुछ नया कर रहा हूँ,+उसकी शुरूआत हो चुकी है।
क्या तुम उसे देख सकते हो?
मैं वीराने से एक रास्ता बनाऊँगा+और रेगिस्तान से नदियाँ बहाऊँगा।+
20 गीदड़ और शुतुरमुर्ग,मैदान के ये जंगली जानवर मेरा आदर करेंगे,क्योंकि मैं अपनी प्रजा, अपने चुने हुओं के लिए+वीराने में पानी का इंतज़ाम करूँगा,रेगिस्तान में नदियाँ बहाऊँगा,+
21 हाँ, अपनी प्रजा के लिए ऐसा करूँगा,जिसे मैंने अपने लिए रचा है कि वह मेरा गुणगान करे।+
22 मगर हे याकूब, तूने मुझे नहीं पुकारा,+क्योंकि हे इसराएल, तू मुझसे ऊब गया है।+
23 तू होम-बलि चढ़ाने के लिए भेड़ें नहीं लाया,अपने बलिदानों से तूने मेरी महिमा नहीं की,
मैंने ये तोहफे लाने के लिए तुझे मजबूर नहीं किया,न लोबान माँग-माँगकर तुझे थका दिया।+
24 तूने अपने पैसों से मेरे लिए खुशबूदार वच* नहीं खरीदा,न बलिदान में चरबी चढ़ाकर मुझे खुश किया।+
उलटा, तूने अपने पापों का बोझ मुझ पर लाद दिया,बुरे-बुरे काम करके मुझे थका दिया।+
25 मैं वही हूँ जो अपने नाम की खातिर तेरे अपराध* मिटाता हूँ+और तेरे पाप याद नहीं रखूँगा।+
26 अगर मैं तेरा कोई अच्छा काम भूल गया हूँ, तो मुझे याद दिला,हम एक-दूसरे से मुकदमा लड़ेंगे,तू अपनी सफाई में जो कहना चाहता है, कहना।
27 तेरे पहले पुरखे ने तो पाप किया था,तेरी तरफ से बोलनेवालों* ने भी मेरे खिलाफ बगावत की।+
28 इसलिए मैं पवित्र-स्थान के हाकिमों को अशुद्ध ठहराऊँगा,याकूब को नाश होने के लिए दे दूँगाऔर इसराएल को निंदा की बातें सुनने के लिए सौंप दूँगा।+
कई फुटनोट
^ शायद यह भविष्य में होनेवाली सबसे पहली बातों का ज़िक्र हो।
^ ज़ाहिर है कि यहाँ झूठे देवताओं की बात की गयी है।
^ या “भरोसा।”
^ एक खुशबूदार नरकट।
^ या “बगावत।”
^ शायद यहाँ कानून सिखानेवालों की बात की गयी है।