यशायाह 52:1-15

  • जाग सिय्योन जाग! (1-12)

    • खुशखबरी लानेवालों के सुंदर पाँव (7)

    • सिय्योन के पहरेदारों ने जयजयकार की (8)

    • यहोवा के बरतन उठानेवाले शुद्ध हों (11)

  • यहोवा का सेवक महान किया जाएगा (13-15)

    • बिगड़ा हुआ रूप (14)

52  जाग सिय्योन जाग! अपनी ताकत जुटा+ और उठ!+ हे पवित्र नगरी यरूशलेम, अपने सुंदर कपड़े पहन ले!+ क्योंकि अब से कोई खतनारहित और अशुद्ध इंसान तुझमें दाखिल न होगा।+   हे यरूशलेम, खड़ी हो! धूल झाड़ और यहाँ ऊपर आकर बैठ। हे गुलामी में पड़ी सिय्योन की बेटी, अपने गले के बंधन खोल दे।+   यहोवा कहता है, “तुम लोग बिना कीमत के बेचे गए+और अब बिना कीमत के छुड़ाए भी जाओगे।”+   सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “पहले मेरे लोग मिस्र गए कि वहाँ परदेसी बनकर रहें,+फिर अश्‍शूर ने बेवजह उन पर ज़ुल्म ढाया।”   यहोवा कहता है, “अब जब मेरे लोगों को बिना कीमत केबंदी बना लिया गया है, तो मैं क्या करूँ?” यहोवा कहता है, “उन पर राज करनेवाले अपनी जीत पर डींगें मार रहे हैं,+वे दिन-भर मेरे नाम की बदनामी कर रहे हैं।+   इसलिए मेरे लोगों को मेरा नाम जानना होगा,+ हाँ, उस दिन वे जान लेंगे कि जो उनसे बात कर रहा है, वह मैं ही हूँ।”   पहाड़ों पर उसके पाँव कितने सुंदर हैं जो खुशखबरी लाता है,+शांति का पैगाम सुनाता है,+अच्छी बातों की खुशखबरी लाता है,उद्धार का संदेश सुनाता है,जो सिय्योन से कहता है, “तेरा परमेश्‍वर राजा बन गया है।”+   सुन! तेरे पहरेदार खुशी से चिल्ला रहे हैं, साथ मिलकर जयजयकार कर रहे हैं,क्योंकि वे साफ देख सकते हैं कि यहोवा सिय्योन को वापस ला रहा है।   हे यरूशलेम के खंडहरो,+ खुशी से झूमो, मिलकर जयजयकार करो!क्योंकि यहोवा ने अपने लोगों को दिलासा दिया है,+ उसने यरूशलेम को छुड़ाया है।+ 10  सब राष्ट्रों के सामने यहोवा ने अपना पवित्र बाज़ू दिखाया,+पृथ्वी के कोने-कोने तक लोग वह उद्धार देखेंगे जो हमारा परमेश्‍वर दिलाता है।*+ 11  दूर हो जाओ, उससे दूर हो जाओ! वहाँ से निकल आओ,+ किसी भी अशुद्ध चीज़ को मत छूओ!+ हे यहोवा के बरतनों को उठानेवालो,+उसमें से निकल आओ+ और खुद को शुद्ध बनाए रखो। 12  तुम्हें वहाँ से घबराकर नहीं निकलना होगा,न ही तुम्हें वहाँ से भागना पड़ेगा,क्योंकि यहोवा तुम्हारे आगे-आगे जाएगा,+इसराएल का परमेश्‍वर तुम्हारी रक्षा के लिए पीछे-पीछे चलेगा।+ 13  देखो, मेरा सेवक+ अंदरूनी समझ से काम लेगा, उसे ऊँचे पर उठाया जाएगा,उसे ऊँचा और महान किया जाएगा।+ 14  जिस तरह उसे देखकर बहुत-से लोग दंग रह गए थे,क्योंकि उसका रूप इतना बिगड़ा हुआ था जितना किसी आदमी का नहीं बिगड़ा,उसकी शान इतनी घट गयी थी जितनी किसी की नहीं घटी थी, 15  उसी तरह राष्ट्र उसे देखकर दंग रह जाएँगे,+ राजा उसके सामने खामोश खड़े रहेंगे,*+क्योंकि वे ऐसी बात देखेंगे जो उन्हें नहीं बतायी गयी थी,ऐसी बात पर ध्यान देंगे जो उन्होंने नहीं सुनी थी।+

कई फुटनोट

या “लोग हमारे परमेश्‍वर की जीत देखेंगे।”
शा., “अपना मुँह बंद रखेंगे।”