यशायाह 53:1-12

  • यहोवा के सेवक का दुख; उसकी मौत; उसे दफनाना (1-12)

    • उसे तुच्छ जाना; किनारा किया (3)

    • उसने बीमारी और दर्द ले लिया (4)

    • “भेड़ की तरह बलि होने के लिए” (7)

    • वह बहुतों का पाप उठा ले गया (12)

53  हमारे संदेश पर* किसने विश्‍वास किया है?+ यहोवा ने अपनी ताकत*+ किस पर ज़ाहिर की है?+   वह टहनी की तरह उसके* सामने उगेगा,+ सूखी ज़मीन में जड़ की तरह फैलेगा। जब हम उसे देखते हैं, तो उसमें कोई सुंदरता, कोई शान नज़र नहीं आती,+न उसके रूप में ऐसी खासियत है कि हम उसकी तरफ खिंचे चले जाएँ।   लोगों ने उसे तुच्छ जाना, उससे किनारा किया।+ वह अच्छी तरह जानता था कि दर्द क्या होता है, बीमारी क्या होती है। उसका चेहरा मानो हमसे छिपा हुआ था।* हमने उसे तुच्छ जाना और बेकार समझा।+   उसने हमारी बीमारी खुद पर उठा ली+और हमारा दर्द हमसे ले लिया।+ पर हमने समझा कि उस पर परमेश्‍वर की मार पड़ी है,उसी ने उसे घायल किया और दुख दिया है।   हमारे अपराधों के लिए उसे भेदा गया,+हमारे गुनाहों के लिए उसे कुचला गया,+ हमारी शांति के लिए उसने सज़ा भुगती+और उसके घाव से हम चंगे हुए।+   हम सब भेड़ों की तरह भटके हुए थे,+हर कोई अपनी राह चल रहा था।लेकिन यहोवा ने हमारे गुनाहों का बोझ उस पर लाद दिया।+   उस पर अत्याचार किए गए,+ पर उसने सबकुछ सह लिया,+अपने मुँह से एक शब्द नहीं निकाला। वह भेड़ की तरह बलि होने के लिए लाया गया।+ जैसे मेम्ना अपने ऊन कतरनेवाले के सामने चुपचाप रहता है,वैसे ही उसने अपने मुँह से एक शब्द नहीं निकाला।+   ज़ुल्म और अन्याय से उसकी जान ले ली गयी।* मगर क्या किसी ने यह जानना चाहा कि वह कौन है, कहाँ से आया है?* उसे दुनिया* से मिटा दिया गया,+मेरे लोगों के अपराधों के लिए उसे मार डाला गया।*+   उसने कोई बुराई* नहीं की,न उसके मुँह से छल की बातें निकलीं,+फिर भी उसे दुष्टों के साथ कब्र में दफनाया गया,*+जब उसकी मौत हुई, तो उसे अमीरों* के साथ गाड़ा गया।+ 10  यह यहोवा की मरज़ी थी* कि वह कुचला जाए,तभी उसने उसे दुख झेलने दिया। हे परमेश्‍वर, अगर तू उसकी जान दोष-बलि के तौर पर दे,+तो वह अपने वंश* को देखेगा और बहुत दिनों तक जीएगा।+ उसी से यहोवा की मरज़ी* पूरी होगी।+ 11  उसने जो पीड़ाएँ सहीं, उन्हें देखकर उसे संतोष मिलेगा। मेरा नेक जन, मेरा सेवक+ अपने ज्ञान से,कई लोगों की मदद करेगा कि वे नेक ठहरें।+ वह उनके गुनाह अपने ऊपर ले लेगा।+ 12  इसलिए मैं उसे बहुतों के साथ हिस्सा दूँगा,वह शूरवीरों के साथ लूट का माल बाँटेगा,क्योंकि उसने अपनी जान कुरबान कर दी,*+वह अपराधियों में गिना गया,+वह बहुतों का पाप उठा ले गया+और अपराधियों की खातिर उसने बिनती की।+

कई फुटनोट

या शायद, “जो संदेश हमने सुना है उस पर।”
शा., “बाज़ू।”
“उसके” का मतलब परमेश्‍वर हो सकता है या कोई इंसान, जो यह सब देख रहा है।
या शायद, “लोग उससे अपना मुँह फेर लेते थे।”
शा., “उसे मार पड़ी।”
शा., “जीवितों के देश में।”
शा., “उसे ले लिया गया।”
या “उसकी ज़िंदगी के बारे में जानना चाहा?”
या “हिंसा।”
या “दुष्टों के साथ दफनाने के लिए वह अपनी जगह देगा।”
शा., “अमीर आदमी।”
या “यहोवा को जो मंज़ूर है।”
शा., “बीज।”
या “यहोवा को यह भाया।”
शा., “उँडेल दी।”