यशायाह 61:1-11

  • खुशखबरी सुनाने के लिए हुआ अभिषेक (1-11)

    • ‘यहोवा की मंज़ूरी पाने का साल’ (2)

    • “नेकी के बड़े-बड़े पेड़” (3)

    • परदेसी मदद करेंगे (5)

    • “यहोवा के याजक” (6)

61  सारे जहान के मालिक यहोवा की पवित्र शक्‍ति मुझ पर है,+यहोवा ने मेरा अभिषेक किया है कि मैं दीन लोगों को खुशखबरी सुनाऊँ।+ उसने मुझे भेजा है ताकि मैं टूटे मनवालों की मरहम-पट्टी करूँ,बंदियों को रिहाई का पैगाम दूँ,कैदियों को संदेश दूँ कि उनकी आँखें खोली जाएँगी,+   यहोवा की मंज़ूरी पाने के साल का प्रचार करूँ,हमारे परमेश्‍वर के बदला लेने के दिन+ के बारे में बताऊँ,शोक मनानेवाले सभी लोगों को दिलासा दूँ,+   सिय्योन पर मातम मनानेवालों कोराख के बजाय सुंदर पगड़ी दूँ,मातम के बजाय उन पर हर्ष का तेल मलूँऔर निराश मन के बजाय उन्हें तारीफ का कपड़ा पहनाऊँ। वे नेकी के बड़े-बड़े पेड़ कहलाएँगे,यहोवा के लगाए पेड़ ताकि उसकी महिमा हो सके।*+   वे पुराने खंडहरों को फिर से खड़ा करेंगे,लंबे समय से उजाड़ पड़ी जगहों को दोबारा बसाएँगे,+तहस-नहस हो चुके शहरों की मरम्मत करेंगे,+हाँ, उन जगहों की जो पीढ़ी-पीढ़ी से उजाड़ पड़ी थीं।+   “पराए लोग आकर तेरे झुंड के चरवाहे बनेंगे,परदेसी+ तेरे खेत के किसान बनेंगे और तेरे अंगूरों के बाग के माली होंगे।+   मगर तुम यहोवा के याजक कहलाओगे,+वे तुम्हें हमारे परमेश्‍वर के सेवक बुलाएँगे। तुम राष्ट्रों की दौलत का मज़ा लोगे+और उनकी शान* के बारे में गर्व से बताओगे।   शर्मिंदगी की जगह अब मेरे लोगों को दुगना भाग मिलेगा,बेइज़्ज़ती की जगह वे अपना हिस्सा पाकर जयजयकार करेंगे,हाँ, उन्हें अपने देश में दुगना भाग मिलेगा।+ उनकी खुशी का कोई अंत नहीं होगा।+   क्योंकि मैं यहोवा, न्याय से प्यार करता हूँ,+मुझे लूटपाट और अन्याय से नफरत है।+ मैं पूरी ईमानदारी से उन्हें उनका इनाम दूँगाऔर उनके साथ सदा का करार करूँगा।+   उनकी संतान को सभी राष्ट्रऔर उनके वंशजों को देश-देश के लोग जान लेंगे।+ देखनेवाला हर कोई पहचान लेगाकि ये वही संतान हैं, जिन पर यहोवा की आशीष है।”+ 10  मैं यहोवा के कारण खुशियाँ मनाऊँगा,मेरा मन अपने परमेश्‍वर के कारण झूम उठेगा,+क्योंकि उसने मुझे उद्धार की पोशाक पहनायी है।+ जैसे एक दूल्हा, याजक की तरह पगड़ी पहनता है,+जैसे दुल्हन गहनों से खुद को सजाती है,वैसे ही उसने मुझे नेकी का बागा पहनाया है। 11  जिस तरह धरती फसल उगाती हैऔर बाग बीजों को अंकुरित करता है,उसी तरह सारे जहान का मालिक यहोवा,सब राष्ट्रों के सामने अपनी नेकी+ और तारीफ बढ़ाएगा।+

कई फुटनोट

या “शोभा बढ़ सके।”
या “दौलत।”