यहोशू 1:1-18

  • यहोवा ने यहोशू की हिम्मत बाँधी (1-9)

    • कानून धीमी आवाज़ में पढ़ना (8)

  • यरदन पार करने की तैयारियाँ (10-18)

1  यहोवा के सेवक मूसा की मौत के बाद यहोवा ने मूसा के सेवक, नून के बेटे यहोशू*+ से कहा,  “मेरा सेवक मूसा मर चुका है।+ अब तू इसराएल के लोगों को लेकर यरदन के पार जा और उन्हें उस देश में ले जा जो मैं उन्हें देनेवाला हूँ।+  जहाँ भी तुम्हारे कदम पड़ेंगे वह जगह तुम्हारी हो जाएगी, जैसा मैंने मूसा से वादा किया था।+  तुम्हारा इलाका इस वीराने से लेकर लबानोन और महानदी फरात तक (जो हित्तियों का सारा इलाका है)+ और पश्‍चिम में महासागर* तक फैला होगा।+  तेरे जीवन-भर कोई तुझे हरा नहीं पाएगा।+ जैसे मैं मूसा के साथ था वैसे ही तेरे साथ रहूँगा।+ मैं तेरा साथ कभी नहीं छोड़ूँगा और न ही तुझे त्यागूँगा।+  तू हिम्मत से काम लेना और हौसला रखना+ क्योंकि तू ही इन लोगों को उस देश का वारिस बनाएगा जिसे देने की शपथ मैंने उनके पुरखों से खायी थी।+  तू हिम्मत से काम लेना और हौसला रखना और मेरे सेवक मूसा ने जिस कानून को मानने की आज्ञा दी थी, उसका तू सख्ती से पालन करना। तू न तो दाएँ मुड़ना न बाएँ+ ताकि तू हर काम बुद्धिमानी से कर सके।+  कानून की इस किताब को अपने मुँह से दूर न करना,+ दिन-रात इसे धीमी आवाज़ में पढ़ना* ताकि तू इसकी एक-एक बात का अच्छे-से पालन कर सके।+ तब तू कामयाब होगा और बुद्धिमानी से चल पाएगा।+  मैं एक बार फिर तुझसे कहता हूँ, हिम्मत से काम लेना और हौसला रखना। तू न डरना, न खौफ खाना क्योंकि तू जहाँ-जहाँ जाएगा तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरे साथ रहेगा।”+ 10  इसके बाद यहोशू ने लोगों के अधिकारियों से कहा, 11  “पूरी छावनी में जाकर लोगों को यह आज्ञा दो, ‘अपने लिए खाने-पीने की चीज़ें बाँध लो क्योंकि तीन दिन के अंदर तुम यरदन पार जानेवाले हो और उस देश को अपने अधिकार में करनेवाले हो जिसे तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारे अधीन कर देगा।’”+ 12  फिर यहोशू ने रूबेन और गाद के वंशजों और मनश्‍शे के आधे गोत्र से कहा, 13  “यहोवा के सेवक मूसा ने तुम्हें जो आज्ञा दी थी उसे याद करो,+ ‘तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हें चैन दिया है और यह देश भी तुम्हें दे दिया है। 14  तुम्हारे बीवी-बच्चे और तुम्हारे जानवर यरदन के इस पार* के इलाके में ही रहें, जो मूसा ने तुम्हें दिया है।+ लेकिन तुम सब वीर योद्धा+ अलग-अलग दल बाँधकर अपने भाइयों से पहले नदी के उस पार जाना।+ तुम तब तक उनकी मदद करना 15  जब तक कि यहोवा उन्हें चैन नहीं देता जैसे तुम्हें दिया है और जब तक वे उस देश पर अधिकार नहीं कर लेते जो तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा उन्हें देनेवाला है। इसके बाद तुम वापस आकर अपने इलाके में बस जाना जो यहोवा के सेवक मूसा ने तुम्हें यरदन के इस पार पूरब में दिया है।’”+ 16  तब उन्होंने यहोशू से कहा, “तूने हमसे जो-जो कहा है हम वह सब करेंगे। तू हमें जहाँ भी भेजेगा हम जाएँगे।+ 17  जिस तरह हमने मूसा की हर बात मानी थी हम तेरी बात भी मानेंगे। तेरा परमेश्‍वर यहोवा हमेशा तेरे साथ रहे, जैसे वह मूसा के साथ था।+ 18  जो कोई तेरे हुक्म के खिलाफ जाए और तेरी आज्ञा न माने वह मार डाला जाए।+ तू बस हिम्मत से काम लेना और हौसला रखना।”+

कई फुटनोट

या “यहोशुआ” जिसका मतलब है, “यहोवा उद्धार है।”
यानी भूमध्य सागर।
या “इस पर मनन करना।”
यानी पूरब में।