यहोशू 16:1-10

  • यूसुफ के वंशजों की विरासत (1-4)

  • एप्रैम की विरासत (5-10)

16  यूसुफ के वंशजों को चिट्ठियाँ डालकर ज़मीन का जो हिस्सा दिया गया,+ उसकी सरहद यरीहो के पास यरदन से शुरू होती थी और उन सोतों तक जाती थी जो यरीहो के पूरब में पड़ते थे। फिर यह सरहद यरीहो के सामने वीराने से होते हुए बेतेल के पहाड़ी प्रदेश तक पहुँचती थी।+  फिर लूज के पास बेतेल से होते हुए यह अतारोत तक जाती थी, जो एरेकी लोगों की सीमा है।  वहाँ से यह सरहद पश्‍चिम की तरफ यपलेती लोगों की सीमा से उतरकर निचले बेत-होरोन की सीमा+ और गेजेर+ तक जाती थी और सागर पर खत्म होती थी।  इस तरह यूसुफ के वंशजों,+ मनश्‍शे और एप्रैम गोत्रों ने अपने-अपने हिस्से की ज़मीन ली।+  एप्रैम के वंशजों के सभी घरानों को विरासत में जो ज़मीन दी गयी, उसकी सरहद यह थी: पूरब में अतारोत-अद्दार+ से होते हुए ऊपरी बेत-होरोन+ तक  और वहाँ से आगे सागर तक। उत्तर में मिकमतात+ से यह सीमा पूरब की तरफ तानत-शीलो तक जाती थी और यानोह से होकर गुज़रती थी।  फिर यह सीमा यानोह से नीचे उतरकर अतारोत और नारा से होते हुए यरीहो+ और यरदन तक पहुँचती थी।  तप्पूह+ से यह सरहद पश्‍चिम की तरफ कानाह घाटी से होते हुए सागर पर खत्म होती थी।+ यह इलाका एप्रैम गोत्र के सभी घरानों की विरासत था।  एप्रैम के वंशजों को मनश्‍शे के इलाके में वे शहर और बस्तियाँ भी मिलीं, जो उनके लिए अलग की गयी थीं।+ 10  लेकिन एप्रैमियों ने गेजेर में रहनेवाले कनानियों को नहीं खदेड़ा।+ इसलिए आज तक कनानी उनके बीच रहते हैं+ और उनके अधीन रहकर जबरन मज़दूरी करते हैं।+

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