यहोशू 23:1-16

  • अगुवों को यहोशू के आखिरी शब्द (1-16)

    • यहोवा का एक भी वादा बिना पूरा हुए नहीं रहा (14)

23  यहोवा ने इसराएल को उसके आस-पास के सभी दुश्‍मनों से महफूज़ रखा और उन्हें चैन दिलाया।+ अब बहुत दिन बीत चुके थे। यहोशू बूढ़ा हो चला था और उसकी उम्र ढल चुकी थी।+  उसने सभी इसराएलियों को, उनके मुखियाओं, प्रधानों, न्यायियों और अधिकारियों+ को इकट्ठा किया।+ उसने उनसे कहा, “अब मैं बूढ़ा हो गया हूँ और मेरी उम्र ढल चुकी है।  तुमने खुद अपनी आँखों से देखा कि तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हारी खातिर दुश्‍मन राष्ट्रों के साथ क्या-क्या किया। हाँ, यहोवा ही तुम्हारी तरफ से लड़ रहा था।+  यरदन से पश्‍चिम में महासागर* तक जितने भी राष्ट्र थे, उन्हें मैंने खदेड़ दिया+ और उनका देश तुम्हें दिया।*+ हालाँकि कुछ अभी-भी रह गए हैं लेकिन यह देश तुम्हारा है।  तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने ही तुम्हारे सामने से उन्हें खदेड़ा+ और उन्हें यहाँ से निकाला और तुमने उनके देश को अपने अधिकार में कर लिया, ठीक जैसा तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुमसे वादा किया था।+  अब तुम्हें मूसा के कानून की किताब में लिखी सारी बातों का पालन करने+ और उस पर चलने के लिए हिम्मत दिखानी होगी। तुम इससे न तो दाएँ मुड़ना न बाएँ,+  न ही उन राष्ट्रों के लोगों के साथ मेल-जोल रखना+ जो तुम्हारे बीच रहते हैं। तुम न तो उनके देवताओं के नाम पुकारना,+ न ही उनकी कसम खाना। तुम उनकी उपासना न करना और न ही उनके सामने दंडवत करना।+  इसके बजाय तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा से लिपटे रहना,+ जैसा तुम आज तक करते आए हो।  यहोवा तुम्हारे सामने से बड़े और शक्‍तिशाली राष्ट्रों को निकाल देगा+ क्योंकि आज तक तुम्हारे सामने एक भी आदमी नहीं टिक पाया।+ 10  तुम्हारा एक आदमी उनके हज़ार आदमियों को खदेड़ देगा+ क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारी तरफ से लड़ेगा,+ जैसा उसने तुमसे वादा किया था।+ 11  इसलिए तुम हमेशा इस बात का ध्यान रखना+ कि तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा से प्यार करते रहो।+ 12  लेकिन अगर तुम परमेश्‍वर को छोड़ दोगे और उन राष्ट्रों के लोगों से मिल जाओगे जो तुम्हारे बीच रह गए हैं,+ उनसे शादी करके रिश्‍तेदारी करोगे+ और मेल-जोल रखोगे 13  तो जान लो, तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा इन राष्ट्रों को तुम्हारे लिए फिर नहीं खदेड़ेगा।+ वे तुम्हारे लिए फंदा और जाल बन जाएँगे। वे तब तक तुम्हारी पीठ पर कोड़ों की तरह बरसेंगे+ और तुम्हारी आँखों में काँटों की तरह चुभेंगे, जब तक कि तुम इस बढ़िया देश से मिट नहीं जाते जिसे तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हें दिया है। 14  देखो, अब मैं ज़्यादा दिन नहीं जीऊँगा।* तुम अच्छी तरह जानते हो कि तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुमसे जितने भी बेहतरीन वादे किए थे वे सब-के-सब पूरे हुए, एक भी वादा बिना पूरा हुए नहीं रहा।+ 15  मगर जिस तरह यहोवा ने अपने सारे बेहतरीन वादे पूरे किए,+ उसी तरह मुसीबतें* लाने के बारे में यहोवा ने जो-जो कहा था, उसे भी पूरा करेगा और यहोवा तुम्हें इस बढ़िया देश से मिटा डालेगा जो उसने तुम्हें दिया है।+ 16  अगर तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा के उस करार को तोड़ोगे जिसे मानने की आज्ञा उसने तुम्हें दी है और अगर तुम दूसरे देवताओं के आगे दंडवत करोगे और उनकी सेवा करोगे, तो यहोवा का क्रोध तुम पर भड़क उठेगा।+ और देखते-ही-देखते तुम इस बढ़िया देश से जो परमेश्‍वर ने तुम्हें दिया है, मिट जाओगे।”+

कई फुटनोट

यानी भूमध्य सागर।
या “चिट्ठियाँ डालकर बाँटा।”
शा., “मैं दुनिया की रीत के मुताबिक जा रहा हूँ।”
या “शाप।”