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योएल की किताब

अध्याय

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सारांश

  • 1

    • कीड़ों का भयानक कहर (1-14)

    • “यहोवा का दिन करीब है” (15-20)

      • भविष्यवक्‍ता ने यहोवा को पुकारा (19, 20)

  • 2

    • यहोवा का दिन; उसकी विशाल सेना (1-11)

    • यहोवा के पास लौटने का बुलावा (12-17)

      • ‘अपने दिलों को फाड़ो’ (13)

    • अपने लोगों को यहोवा का जवाब (18-32)

      • ‘मैं अपनी पवित्र शक्‍ति उँडेलूँगा’ (28)

      • आकाश और धरती पर अजूबे (30)

      • यहोवा का नाम पुकारनेवालों को उद्धार (32)

  • 3

    • यहोवा सब राष्ट्रों का न्याय करता है (1-17)

      • यहोशापात की घाटी (2, 12)

      • फैसले की घाटी (14)

      • यहोवा, इसराएल के लिए किला (16)

    • वह अपने लोगों को आशीष देता है (18-21)