व्यवस्थाविवरण 13:1-18

  • बागियों के साथ कैसा सलूक करें (1-18)

13  अगर तुम्हारे बीच कोई भविष्यवक्‍ता या सपने देखकर भविष्य बतानेवाला खड़ा होता है और कोई चिन्ह देता है या भविष्य के बारे में कुछ बताता है  और कहता है, ‘आओ हम दूसरे देवताओं के पीछे जाएँ और उनकी सेवा करें’ जिन्हें तुम नहीं जानते और उसने जो चिन्ह दिया है या भविष्य के बारे में जो बताया है वह सच निकलता है,  तो तुम उस भविष्यवक्‍ता या सपनों के ज़रिए भविष्य बतानेवाले की बात न सुनना,+ क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा यह जानने के लिए तुम्हें परख रहा है+ कि तुम पूरे दिल और पूरी जान से अपने परमेश्‍वर यहोवा से प्यार करते हो या नहीं।+  तुम सिर्फ अपने परमेश्‍वर यहोवा के पीछे चलना, उसी का डर मानना, उसकी आज्ञाओं का पालन करना, उसकी बात मानना, उसी की सेवा करना और उसी को मज़बूती से थामे रहना।+  मगर उस भविष्यवक्‍ता या सपनों के ज़रिए भविष्य बतानेवाले को मौत की सज़ा दी जाए,+ क्योंकि वह तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा से बगावत करने के लिए लोगों को भड़काता है जो तुम्हें गुलामी के घर, मिस्र से छुड़ाकर लाया है। उस भविष्यवक्‍ता या सपनों के ज़रिए भविष्य बतानेवाले को मार डालना क्योंकि वह उस रास्ते से फिर जाने के लिए लोगों को भड़काता है, जिस पर चलने की आज्ञा तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हें दी है। तुम अपने बीच से बुराई मिटा देना।+  अगर तेरा सगा भाई या तेरा बेटा या बेटी या तेरी पत्नी, जिसे तू बहुत प्यार करता है या तेरा जिगरी दोस्त तुझे चुपके से बहकाने की कोशिश करे और कहे, ‘चलो, हम दूसरे देवताओं की सेवा करते हैं,’+ ऐसे देवताओं की जिन्हें न तू जानता है और न तेरे बाप-दादे जानते थे,  चाहे ये तुम्हारे आस-पास की जातियों के देवता हों या दूर की जातियों के, या देश के किसी भी कोने के देवता हों,  तो तू उसकी बातों में मत आना, न ही उसकी सुनना।+ तू उस पर दया न करना, न ही उस पर तरस खाना या उसे बचाने की कोशिश करना।  इसके बजाय तू उसे हर हाल में मार डालना।+ उसे मार डालने के लिए सबसे पहले तेरा हाथ उठे, उसके बाद बाकी सब लोगों का।+ 10  तू उसे पत्थरों से मार डालना+ क्योंकि उसने तुझे तेरे परमेश्‍वर यहोवा से दूर ले जाने की कोशिश की है, जो तुझे गुलामी के घर, मिस्र से निकाल लाया है। 11  तब पूरा इसराएल उसके बारे में सुनकर डर जाएगा और फिर कभी कोई तुम्हारे बीच ऐसा बुरा काम नहीं करेगा।+ 12  तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हें जिन शहरों में बसाएगा, उनमें से किसी शहर से अगर तुम्हें यह खबर मिलती है 13  कि वहाँ कुछ ऐसे निकम्मे आदमी निकल आए हैं जो यह कहकर अपने शहर के लोगों को गुमराह कर रहे हैं, ‘चलो, हम दूसरे देवताओं की सेवा करते हैं,’ ऐसे देवताओं की जिन्हें तुम नहीं जानते, 14  तो तुम उस मामले की तहकीकात करना, उसकी अच्छी तरह छानबीन करना और पूछताछ करना।+ अगर तुम पाते हो कि खबर सच है और तुम्हारे बीच वाकई ऐसा घिनौना काम हो रहा है, 15  तो तुम उस शहर के लोगों को हर हाल में तलवार से मार डालना।+ उस पूरे शहर को नाश कर देना और वहाँ की एक-एक चीज़ मिटा देना, यहाँ तक कि जानवरों को भी तुम तलवार से नाश कर देना।+ 16  फिर तुम उस शहर की पूरी लूट चौराहे पर लाकर इकट्ठा करना और शहर को जला देना। लूट का वह सारा माल तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा के लिए दी जानेवाली होम-बलि जैसा होगा। वह शहर हमेशा के लिए मलबे का ढेर बन जाएगा। उसे कभी दोबारा न बसाया जाए। 17  जो कुछ नाश के लिए अलग ठहराया जाता है* उसमें से तुम अपने लिए कुछ भी मत लेना+ ताकि यहोवा का गुस्सा तुम पर न भड़के और वह तुम पर दया और करुणा करे और तुम्हें गिनती में कई गुना बढ़ाए, ठीक जैसे उसने तुम्हारे पुरखों से शपथ खायी थी।+ 18  तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा की बात मानना* और उन सभी आज्ञाओं का पालन करना जो आज मैं तुम्हें सुना रहा हूँ। इस तरह तुम वही करना जो तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा की नज़र में सही है।+

कई फुटनोट

या “जिसे पाबंदी लगाकर पवित्र ठहराया जाता है।”
या “आवाज़ सुनना।”