व्यवस्थाविवरण 22:1-30

  • पड़ोसियों के जानवरों का लिहाज़ (1-4)

  • आदमी-औरत एक-दूसरे के कपड़े न पहने (5)

  • जानवरों पर दया करना (6, 7)

  • छत के लिए मुँडेर (8)

  • गलत तरह का मिश्रण (9-11)

  • कपड़े पर फुँदने (12)

  • नाजायज़ यौन-संबंधों पर कानून (13-30)

22  अगर तू अपने किसी इसराएली भाई के बैल या उसकी भेड़ को कहीं भटकता हुआ देखे, तो जानबूझकर उसे नज़रअंदाज़ मत करना।+ तू ज़रूर उसे ले जाकर अपने भाई के हाथ सौंप देना।  लेकिन अगर वह इसराएली भाई बहुत दूर रहता है या तू नहीं जानता कि जानवर किसका है, तो तू जानवर को अपने घर ले जाना। उसे तब तक अपने यहाँ रखना जब तक कि तेरा भाई उसे ढूँढ़ते हुए तेरे पास नहीं आता। जब वह आएगा तो उसे जानवर लौटा देना।+  तुझे अपने भाई की जो भी खोयी हुई चीज़ मिलती है उसे ज़रूर लौटा देना, फिर चाहे वह उसका गधा हो या कपड़ा या कोई और चीज़। तू उसे देखकर भी अनदेखा मत करना।  अगर कभी तू देखे कि एक इसराएली भाई का गधा या बैल रास्ते में गिरा पड़ा है तो तू जानबूझकर उसे नज़रअंदाज़ मत करना। तू ज़रूर अपने भाई के पास जाना और जानवर को उठाने में उसकी मदद करना।+  एक औरत को आदमी के कपड़े नहीं पहनने चाहिए और न ही एक आदमी को औरत के कपड़े पहनने चाहिए। जो कोई ऐसा करता है वह तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा की नज़र में घिनौना है।  अगर तू कभी रास्ते में चलते हुए देखे कि ज़मीन पर या किसी पेड़ पर एक घोंसला है और उसमें एक चिड़िया अपने बच्चों या अंडों पर बैठी है, तो तू घोंसले में से बच्चों के साथ-साथ चिड़िया को मत ले लेना।+  तू चाहे तो बच्चों को ले सकता है मगर चिड़िया को ज़रूर उड़ा देना। ऐसा करने से तेरा भला होगा और तू लंबी उम्र जीएगा।  अगर तू एक नया घर बनाता है, तो छत पर मुँडेर ज़रूर बनाना+ ताकि ऐसा न हो कि कोई तेरे घर की छत से गिर जाए और उसके खून का दोष तेरे परिवार पर आए।  तू अपने अंगूरों के बाग में अंगूरों के साथ कोई और बीज मत बोना,+ वरना तेरे बाग से मिलनेवाले अंगूर और दूसरे बीज की उपज, दोनों ज़ब्त कर लिए जाएँगे और पवित्र-स्थान के लिए दे दिए जाएँगे। 10  तू बैल और गधे को एक जुए में जोतकर हल न चलाना।+ 11  तू ऐसी पोशाक न पहनना जो ऊन और मलमल के धागे को मिलाकर बुनी गयी हो।+ 12  तू अपने कपड़े के चारों कोनों पर फुँदने लगाना।+ 13  अगर एक आदमी शादी करता है और अपनी पत्नी के साथ संबंध रखता है, मगर बाद में वह उससे नफरत करने लगता है* 14  और उस पर बदचलनी का इलज़ाम लगाता है और यह कहकर उसे बदनाम करता है: ‘मैंने इस औरत से शादी की थी, मगर इसके साथ संबंध रखने पर मैंने इसमें कुँवारी होने का सबूत नहीं पाया,’ 15  तो लड़की के माँ-बाप को शहर के फाटक पर मुखियाओं के पास जाना चाहिए और उनके सामने अपनी बेटी के कुँवारी होने का सबूत पेश करना चाहिए। 16  लड़की के पिता को मुखियाओं से कहना चाहिए, ‘मैंने अपनी बेटी की शादी इस आदमी से करायी थी, मगर अब यह आदमी मेरी बेटी से नफरत करता है* 17  और उस पर बदचलन होने का इलज़ाम लगाकर कहता है, “मैंने पाया है कि तेरी बेटी में कुँवारी होने का सबूत नहीं है।” मगर यह रहा मेरी बेटी के कुँवारेपन का सबूत।’ यह कहने के बाद लड़की के माँ-बाप को शहर के मुखियाओं के सामने कपड़ा बिछाना चाहिए। 18  तब शहर के मुखिया+ उस आदमी को सज़ा देंगे+ 19  और उस पर 100 शेकेल* चाँदी का जुरमाना लगाएँगे क्योंकि उसने इसराएल की एक कुँवारी लड़की को बदनाम किया है।+ मुखिया उस आदमी का दिया पैसा लड़की के पिता को देंगे। वह लड़की उस आदमी की पत्नी बनी रहेगी और उस आदमी को जीते-जी उसे तलाक देने की इजाज़त नहीं है। 20  लेकिन अगर वह इलज़ाम सच है और लड़की के कुँवारी होने का कोई सबूत नहीं है, 21  तो वे लड़की को उसके पिता के घर के द्वार पर ले जाएँ और शहर के आदमी लड़की को पत्थरों से मार डालें, क्योंकि वह अपने पिता के घर में रहते नाजायज़ यौन-संबंध रखकर*+ इसराएल पर कलंक ले आयी है।+ इस तरह तुम अपने बीच से बुराई मिटा देना।+ 22  अगर कोई आदमी किसी दूसरे आदमी की पत्नी के साथ यौन-संबंध रखता है और वे पकड़े जाते हैं, तो तुम उस आदमी और औरत दोनों को एक-साथ मार डालना।+ इस तरह तुम इसराएल से बुराई मिटा देना। 23  अगर एक कुँवारी लड़की की सगाई हो चुकी है और कोई दूसरा आदमी उससे शहर में मिलता है और उसके साथ संबंध रखता है, 24  तो तुम उन दोनों को उस शहर के फाटक पर ले जाना और पत्थरों से मार डालना। लड़की को इसलिए मार डालना क्योंकि वह शहर में होते हुए भी नहीं चिल्लायी और आदमी को इसलिए क्योंकि उसने अपने संगी-साथी की पत्नी को भ्रष्ट किया है।+ इस तरह तुम अपने बीच से बुराई मिटा देना। 25  लेकिन अगर एक आदमी खेत या मैदान में एक ऐसी लड़की से मिलता है जिसकी सगाई हो चुकी है और उसके साथ ज़बरदस्ती संबंध रखता है, तो तुम सिर्फ उस आदमी को मौत की सज़ा देना। 26  मगर लड़की को कुछ मत करना क्योंकि उसने ऐसा पाप नहीं किया जिसके लिए उसे मौत की सज़ा दी जाए। यह मामला बिलकुल वैसा है जैसे कोई किसी बेगुनाह पर हमला करके उसका खून कर देता है।+ 27  लड़की को इसलिए छोड़ देना क्योंकि उस आदमी ने उसे खेत में पाकर उसे भ्रष्ट किया था और वह लड़की चिल्लायी थी, मगर उसे बचानेवाला कोई न था। 28  अगर एक आदमी किसी कुँवारी लड़की से मिलता है जिसकी अब तक सगाई नहीं हुई है और वह उसे पकड़कर उसके साथ संबंध रखता है और इस बात का खुलासा हो जाता है,+ 29  तो उस आदमी को 50 शेकेल चाँदी लड़की के पिता को देनी होगी और उस लड़की को अपनी पत्नी बनाना होगा।+ और उसे जीते-जी उस लड़की को तलाक देने की इजाज़त नहीं है क्योंकि उसने लड़की को भ्रष्ट किया है। 30  कोई भी आदमी अपने पिता की पत्नी के साथ यौन-संबंध न रखे क्योंकि ऐसा करना अपने पिता का अपमान करना है।*+

कई फुटनोट

या “उसे ठुकरा देता है।”
या “को ठुकरा दिया है।”
एक शेकेल का वज़न 11.4 ग्रा. था। अति. ख14 देखें।
या “वेश्‍या के काम करके।”
शा., “का घेरा उघाड़ना है।”