हाग्गै 1:1-15

  • मंदिर दोबारा न बनाने की वजह से फटकार मिली (1-11)

    • ‘क्या यह वक्‍त बढ़िया-बढ़िया घरों में रहने का है?’ (4)

    • “अपने तौर-तरीकों पर ध्यान दो” (5)

    • बोया बहुत मगर फसल कम (6)

  • लोगों ने यहोवा की बात मानी (12-15)

1  राजा दारा के राज के दूसरे साल के छठे महीने के पहले दिन, यहोवा का संदेश भविष्यवक्‍ता हाग्गै*+ के ज़रिए यहूदा के राज्यपाल जरुबाबेल+ और महायाजक यहोशू के पास पहुँचा। जरुबाबेल, शालतीएल का बेटा था और यहोशू, यहोसादाक का बेटा था। उन्हें यह संदेश दिया गया:  “सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, ‘ये लोग कहते हैं, “यहोवा का भवन* बनाने* का समय अभी नहीं आया है।”’”+  एक बार फिर यहोवा का यह संदेश भविष्यवक्‍ता हाग्गै+ के ज़रिए दिया गया:  “क्या यह वक्‍त है कि तुम बढ़िया-बढ़िया लकड़ियों से सजे घरों में रहो, जबकि मेरा भवन उजाड़ पड़ा है?+  अब सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, ‘अपने तौर-तरीकों पर ध्यान दो।  तुम बोते तो बहुत हो मगर तुम्हें फसल कम मिलती है।+ तुम खाते हो मगर पेट नहीं भरता। पीते हो मगर संतुष्ट नहीं होते। तुम कपड़े पहनते हो मगर तुम्हें गरमी नहीं मिलती। मज़दूरी करनेवाला अपनी मज़दूरी ऐसी थैली में डालता है जिसमें छेद-ही-छेद हैं।’”  “सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, ‘अपने तौर-तरीकों पर ध्यान दो।’  यहोवा कहता है, ‘पहाड़ पर जाओ, लकड़ी लाओ।+ मेरा भवन बनाओ+ ताकि मुझे उससे खुशी मिले और मेरी महिमा हो।’”+  “सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, ‘तुमने ढेर सारी फसल पाने की उम्मीद की मगर थोड़ी ही पायी और जब तुम उसे अपने घर में लाए तो मैंने उसे फूँककर उड़ा दिया।+ जानते हो मैंने ऐसा क्यों किया? क्योंकि मेरा भवन उजाड़ पड़ा है, फिर भी तुम सब अपने-अपने घर के लिए भाग-दौड़ कर रहे हो।+ 10  यही वजह है कि आकाश ने ओस बरसाना और धरती ने उपज देना बंद कर दिया है। 11  मैं ज़मीन और पहाड़ों पर, अनाज, नयी दाख-मदिरा और तेल पर, ज़मीन से उगनेवाली हर चीज़ पर, इंसानों और जानवरों पर और तुम्हारे हाथ की सारी मेहनत पर सूखे को बार-बार बुलाता रहा।’” 12  शालतीएल के बेटे जरुबाबेल+ और यहोसादाक+ के बेटे, महायाजक यहोशू और बाकी सब लोगों ने अपने परमेश्‍वर यहोवा की बात और भविष्यवक्‍ता हाग्गै की बात मानी क्योंकि उनके परमेश्‍वर यहोवा ने ही उसे यह संदेश देने भेजा था। और लोग यहोवा का डर मानने लगे। 13  फिर यहोवा के दूत हाग्गै ने यहोवा से मिली ज़िम्मेदारी निभाते हुए लोगों को यह संदेश सुनाया: “यहोवा ऐलान करता है, ‘मैं तुम लोगों के साथ हूँ।’”+ 14  इसलिए यहोवा ने शालतीएल के बेटे, यहूदा के राज्यपाल जरुबाबेल+ और यहोसादाक के बेटे, महायाजक यहोशू+ और बाकी सब लोगों के मन को उभारा+ और उन सबने आकर अपने परमेश्‍वर, सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा का भवन बनाने का काम शुरू कर दिया।+ 15  उन्होंने यह काम राजा दारा के राज के दूसरे साल के छठे महीने के 24वें दिन शुरू किया।+

कई फुटनोट

मतलब “त्योहार में पैदा हुआ।”
या “मंदिर।”
या “दोबारा बनाने।”