पतरस की पहली चिट्ठी 5:1-14
5 इसलिए जो तुम्हारे बीच प्राचीन हैं उनसे मेरी एक गुज़ारिश है,* क्योंकि मैं भी उनकी तरह एक प्राचीन हूँ और मसीह की दुख-तकलीफों का गवाह और उस महिमा का साझेदार हूँ जो प्रकट होनेवाली है।+ मैं गुज़ारिश करता हूँ
2 कि तुम चरवाहों की तरह परमेश्वर के झुंड की देखभाल करो+ जो तुम्हें सौंपा गया है और निगरानी करनेवालों के नाते* परमेश्वर के सामने खुशी-खुशी सेवा करो, न कि मजबूरी में।+ तुम तत्परता से सेवा करो, न कि बेईमानी की कमाई के लालच से।+
3 और जो परमेश्वर की संपत्ति हैं उन पर रौब मत जमाओ+ बल्कि झुंड के लिए एक मिसाल बनो।+
4 और जब प्रधान चरवाहा+ प्रकट होगा, तो तुम महिमा का वह ताज पाओगे जिसकी शोभा कभी खत्म नहीं होगी।+
5 इसी तरह जवानो, मैं तुमसे गुज़ारिश करता हूँ कि बुज़ुर्गों* के अधीन रहो।+ और तुम सब एक-दूसरे के साथ नम्रता से पेश आओ* क्योंकि परमेश्वर घमंडियों का विरोध करता है, मगर नम्र लोगों पर महा-कृपा करता है।+
6 इसलिए परमेश्वर के शक्तिशाली हाथ के नीचे खुद को नम्र करो ताकि वह सही वक्त पर तुम्हें ऊँचा करे।+
7 और इस दौरान तुम अपनी सारी चिंताओं* का बोझ उसी पर डाल दो+ क्योंकि उसे तुम्हारी परवाह है।+
8 अपने होश-हवास बनाए रखो, चौकन्ने रहो!+ तुम्हारा दुश्मन शैतान,* गरजते हुए शेर की तरह इस ताक में घूम रहा है कि किसे फाड़ खाए।+
9 मगर तुम विश्वास में मज़बूत रहकर उसका मुकाबला करो,+ क्योंकि तुम जानते हो कि दुनिया-भर में फैली तुम्हारे भाइयों की पूरी बिरादरी ऐसी ही दुख-तकलीफें झेल रही है।+
10 मगर यह दुख तुम्हें कुछ ही समय के लिए झेलना होगा, इसके बाद परमेश्वर जो हर तरह की महा-कृपा करता है वह तुम्हारा प्रशिक्षण खत्म करेगा। उसने तुम्हें सदा कायम रहनेवाली महिमा पाने के लिए बुलाया है+ क्योंकि तुम मसीह के साथ एकता में हो। वह तुम्हें मज़बूत करेगा,+ शक्तिशाली बनाएगा+ और मज़बूती से खड़ा करेगा।
11 शक्ति सदा तक उसी की रहे। आमीन।
12 सिलवानुस*+ के ज़रिए, जिसे मैं विश्वासयोग्य भाई मानता हूँ, मैंने तुम्हें ये चंद शब्द लिखे हैं ताकि तुम्हारी हिम्मत बँधाऊँ और तुम्हें यकीन दिलाऊँ कि यही परमेश्वर की सच्ची महा-कृपा है। तुम इसमें मज़बूती से खड़े रहो।
13 वह जो बैबिलोन में है और तुम्हारी तरह चुनी हुई है, तुम्हें नमस्कार कहती है और मेरा बेटा मरकुस+ भी तुम्हें नमस्कार कहता है।
14 प्यार के चुंबन के साथ एक-दूसरे को नमस्कार करो।
मेरी दुआ है कि तुम सब जो मसीह के साथ एकता में हो, तुम्हें शांति मिले।
कई फुटनोट
^ या “उन्हें मैं बढ़ावा देता हूँ।”
^ या “झुंड पर ध्यान से नज़र रखते हुए।”
^ या “प्राचीनों।”
^ या “नम्रता का पहनावा पहन लो।”
^ या “दुखों; परेशानियों।”
^ सीलास भी कहलाता था।