पहला राजा 15:1-34

  • यहूदा का राजा अबियाम (1-8)

  • यहूदा का राजा आसा (9-24)

  • इसराएल का राजा नादाब (25-32)

  • इसराएल का राजा बाशा (33, 34)

15  अबीयाम जब यहूदा का राजा बना तब नबात के बेटे यारोबाम के राज का 18वाँ साल चल रहा था।+  अबीयाम ने यरूशलेम में रहकर तीन साल राज किया। उसकी माँ का नाम माका था,+ जो अबीशालोम की नातिन थी।  अबीयाम ने सारी ज़िंदगी वही पाप किए जो उससे पहले उसके पिता ने किए थे। अबीयाम का दिल अपने परमेश्‍वर यहोवा पर पूरी तरह नहीं लगा रहा, जैसे उसके पुरखे दाविद का दिल लगा रहा था।  फिर भी दाविद के परमेश्‍वर यहोवा ने दाविद की खातिर+ यरूशलेम में उसका दीया जलने दिया।+ परमेश्‍वर ने उसके बेटे को राजा ठहराया और यरूशलेम को बने रहने दिया।  यहोवा ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि दाविद ने परमेश्‍वर की नज़र में सही काम किए थे। उसने ज़िंदगी-भर परमेश्‍वर की सभी आज्ञाएँ मानीं, कभी उसके नियमों से नहीं हटा, बस एक बार हित्ती उरियाह के मामले में वह चूक गया था।+  जब तक रहूबियाम ज़िंदा था तब तक उसके और यारोबाम के बीच युद्ध चलता रहा।+  अबीयाम की ज़िंदगी की बाकी कहानी, उसके सभी कामों का ब्यौरा यहूदा के राजाओं के इतिहास की किताब में लिखा है।+ अबीयाम और यारोबाम के बीच भी युद्ध चलता रहा।+  फिर अबीयाम की मौत हो गयी* और उसे दाविदपुर में दफनाया गया। अबीयाम की जगह उसका बेटा आसा+ राजा बना।+  जब आसा ने यहूदा पर राज करना शुरू किया तब इसराएल में राजा यारोबाम के राज का 20वाँ साल चल रहा था। 10  आसा ने यरूशलेम में 41 साल राज किया। उसकी दादी का नाम माका था,+ जो अबीशालोम की नातिन थी। 11  आसा ने अपने पुरखे दाविद की तरह वही किया जो यहोवा की नज़र में सही था।+ 12  उसने देश से उन आदमियों को निकाल दिया जो मंदिरों में दूसरे आदमियों के साथ संभोग करते थे।+ उसने वे सारी घिनौनी मूरतें* भी हटा दीं जो उसके पुरखों ने बनवायी थीं।+ 13  यहाँ तक कि उसने अपनी दादी माका+ को राजमाता के पद से हटा दिया क्योंकि माका ने पूजा-लाठ* की उपासना के लिए एक अश्‍लील मूरत खड़ी करवायी थी। आसा ने उसकी अश्‍लील मूरत काट डाली+ और उसे किदरोन घाटी में जला दिया।+ 14  मगर ऊँची जगह नहीं मिटायी गयीं।+ फिर भी आसा का दिल सारी ज़िंदगी यहोवा पर पूरी तरह लगा रहा। 15  वह यहोवा के भवन में वह सारा सोना, चाँदी और दूसरी चीज़ें ले आया जो उसने और उसके पिता ने पवित्र ठहरायी थीं।+ 16  आसा और इसराएल के राजा बाशा+ के बीच लगातार युद्ध चलता रहा। 17  इसराएल के राजा बाशा ने यहूदा पर हमला बोल दिया। वह रामाह+ को बनाने* लगा ताकि न तो उसके यहाँ से कोई यहूदा के राजा आसा के इलाके में जा सके और न वहाँ से कोई यहाँ आ सके।*+ 18  तब आसा ने यहोवा के भवन के खज़ाने और राजमहल के खज़ाने का बचा हुआ सारा सोना-चाँदी लिया और अपने सेवकों के हाथ सीरिया के राजा+ बेन-हदद के पास भेजा। बेन-हदद, तबरिम्मोन का बेटा और हेज्योन का पोता था और वह दमिश्‍क में रहता था। आसा ने बेन-हदद के पास यह संदेश भेजा: 19  “जैसे तेरे पिता और मेरे पिता के बीच संधि* थी वैसे ही हम दोनों के बीच भी संधि है। देख, मैं तेरे लिए तोहफे में सोना-चाँदी भेज रहा हूँ। तू आकर इसराएल के राजा बाशा के साथ अपनी संधि तोड़ दे। तब वह मेरा इलाका छोड़कर चला जाएगा।” 20  बेन-हदद ने राजा आसा की बात मान ली और अपने सेनापतियों को इसराएल के शहरों पर हमला करने भेजा। उन्होंने जाकर इय्योन,+ दान,+ आबेल-बेत-माका और पूरे किन्‍नेरेत को और नप्ताली के पूरे इलाके को नाश कर दिया। 21  जब इसकी खबर बाशा को मिली तो उसने रामाह को बनाने* का काम फौरन रोक दिया और तिरसा+ में रहने लगा। 22  फिर राजा आसा ने यहूदा के सभी लोगों को बुलवाया, किसी को भी छूट नहीं दी। और वे रामाह से वे सारे पत्थर और शहतीरें उठाकर ले गए जिनसे बाशा, रामाह शहर बना रहा था। उन चीज़ों से राजा आसा ने मिसपा शहर+ और बिन्यामीन के इलाके के गेबा शहर+ बनाए।* 23  आसा की ज़िंदगी की बाकी कहानी, उसके सभी बड़े-बड़े काम, उसने जो-जो शहर बनवाए,* उन सबका ब्यौरा यहूदा के राजाओं के इतिहास की किताब में लिखा है। मगर बुढ़ापे में आसा के पैरों में कुछ बीमारी हो गयी जिससे उसे बहुत तकलीफ सहनी पड़ी।+ 24  फिर आसा की मौत हो गयी* और उसे उसके पुरखे दाविद के शहर दाविदपुर में पुरखों की कब्र में दफनाया गया। उसकी जगह उसका बेटा यहोशापात+ राजा बना। 25  यहूदा के राजा आसा के राज के दूसरे साल, यारोबाम का बेटा नादाब+ इसराएल का राजा बना। उसने इसराएल पर दो साल राज किया। 26  नादाब यहोवा की नज़र में बुरे काम करता रहा। वह अपने पिता के ही नक्शे-कदम पर चला+ और उसने वही पाप किया जो उसके पिता ने किया था और इसराएल से भी करवाया था।+ 27  बाशा ने, जो इस्साकार गोत्र के अहियाह का बेटा था, नादाब के खिलाफ साज़िश की। जब नादाब और पूरा इसराएल पलिश्‍ती शहर गिब्बतोन+ की घेराबंदी किए हुए था, तो उस दौरान बाशा ने नादाब को गिब्बतोन में मार डाला। 28  इस तरह बाशा, नादाब को मारकर खुद राजा बन बैठा। यह घटना यहूदा के राजा आसा के राज के तीसरे साल में हुई थी। 29  बाशा जैसे ही राजा बना उसने यारोबाम के पूरे घराने का सफाया कर दिया, एक को भी ज़िंदा नहीं छोड़ा। इस तरह यहोवा का वह वचन पूरा हुआ जो उसने शीलो के रहनेवाले अपने सेवक अहियाह से कहलवाया था।+ 30  ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यारोबाम ने पाप किए और इसराएल से पाप करवाए थे और इसराएल के परमेश्‍वर यहोवा का क्रोध भड़काया था। 31  जहाँ तक नादाब की बात है उसकी ज़िंदगी की बाकी कहानी, उसके सभी कामों का ब्यौरा इसराएल के राजाओं के इतिहास की किताब में लिखा है। 32  आसा और इसराएल के राजा बाशा के बीच लगातार युद्ध चलता रहा।+ 33  अहियाह का बेटा बाशा जब पूरे इसराएल का राजा बना तब यहूदा में राजा आसा के राज का तीसरा साल चल रहा था। बाशा ने इसराएल के तिरसा में रहकर 24 साल राज किया।+ 34  मगर वह यहोवा की नज़र में बुरे काम करता रहा।+ वह यारोबाम के नक्शे-कदम पर चला और उसने वही पाप किया जो यारोबाम ने किया था और इसराएल से भी करवाया था।+

कई फुटनोट

शा., “अपने पुरखों के साथ सो गया।”
इनका इब्रानी शब्द शायद “मल” के लिए इस्तेमाल होनेवाले शब्द से संबंध रखता है और यह बताने के लिए इस्तेमाल होता है कि किसी चीज़ से कितनी घिन की जा रही है।
शब्दावली देखें।
शा., “कोई यहूदा के राजा आसा के पास आने-जाने न पाए।”
या “मज़बूत करने; दोबारा बनाने।”
या “करार।”
या “मज़बूत करने; दोबारा बनाने।”
या “मज़बूत किए; दोबारा बनाए।”
या “मज़बूत किए; दोबारा बनाए।”
शा., “अपने पुरखों के साथ सो गया।”