पहला शमूएल 29:1-11

  • पलिश्‍तियों ने दाविद पर भरोसा नहीं किया (1-11)

29  पलिश्‍तियों+ की सारी सेनाएँ अपेक में इकट्ठा हुईं और इसराएलियों ने अपनी छावनी यिजरेल+ के सोते के पास डाली थी।  पलिश्‍तियों के सरदार अपनी सौ-सौ और हज़ार-हज़ार की टुकड़ियाँ लेकर कदम बढ़ाने लगे। दाविद और उसके आदमी आकीश के साथ सेना में सबसे पीछे चल रहे थे।+  मगर पलिश्‍तियों के हाकिमों ने पूछा, “ये इब्री लोग यहाँ क्या कर रहे हैं?” आकीश ने हाकिमों से कहा, “यह दाविद है, इसराएल के राजा शाऊल का सेवक। यह एक साल से मेरे साथ रहता है बल्कि उससे भी ज़्यादा समय से।+ जब से यह अपने राजा के पास से भागकर मेरे पास आया है, तब से लेकर आज तक मैंने इसमें कोई बुराई नहीं पायी।”  मगर पलिश्‍तियों के हाकिम आकीश पर गुस्सा हो गए और उससे कहने लगे, “उस आदमी को वापस भेज दे।+ उससे कह कि वह उसी जगह लौट जाए जो तूने उसे दी है। इसे हमारे साथ युद्ध में मत आने दे। ऐसा न हो कि युद्ध के वक्‍त वह उलटा हम पर ही हमला करने लगे। क्या पता, वह हमारे आदमियों का सिर काटकर अपने राजा के पास ले जाए?+ अपने राजा को खुश करने का इससे बढ़िया मौका उसे कहाँ मिलेगा?  यह वही दाविद है जिसके बारे में लोगों ने नाचते-गाते हुए कहा था, ‘शाऊल ने मारा हज़ारों को,दाविद ने मारा लाखों को।’”+  इसलिए आकीश+ ने दाविद को बुलाया और उससे कहा, “यहोवा के जीवन की शपथ, तू एक सीधा-सच्चा इंसान है। मैं तो बहुत खुश हूँ कि तू मेरी सेना के साथ युद्ध करने चला है,+ क्योंकि जब से तू मेरे पास आया है तब से लेकर आज तक मैंने तुझमें कोई बुराई नहीं पायी।+ मगर बाकी सरदारों को तुझ पर भरोसा नहीं है।+  इसलिए तू शांति से लौट जा और ऐसा कोई काम न कर जिससे पलिश्‍ती सरदारों का गुस्सा तुझ पर भड़क उठे।”  लेकिन दाविद ने आकीश से कहा, “मगर क्यों? मैंने ऐसा क्या किया है? जब से तेरा दास तेरे पास आया है तब से लेकर आज तक क्या तूने मुझमें कोई बुराई पायी है? तो फिर हे राजा, मेरे मालिक, मैं तेरे दुश्‍मनों से लड़ने तेरे साथ क्यों नहीं आ सकता?”  आकीश ने दाविद से कहा, “मुझे तो पूरा यकीन है कि तू एक भला आदमी है, बिलकुल परमेश्‍वर के स्वर्गदूत की तरह।+ लेकिन पलिश्‍तियों के हाकिमों ने तेरे बारे में कहा है, ‘इसे हमारे साथ युद्ध में मत आने दे।’ 10  इसलिए तू कल सुबह तड़के उठ और अपने मालिक के दासों के साथ, जो तेरे साथ आए हैं, उजाला होते ही लौट जा।” 11  इसलिए दाविद और उसके आदमी अगले दिन सुबह तड़के उठे ताकि पलिश्‍तियों के देश लौट जाएँ। और पलिश्‍ती सेनाएँ ऊपर यिजरेल+ गयीं।

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