दूसरा शमूएल 20:1-26

  • शीबा की बगावत; अमासा का कत्ल (1-13)

  • शीबा का सिर काट डाला गया (14-22)

  • दाविद का प्रशासन (23-26)

20  बिन्यामीन गोत्र में शीबा नाम का एक आदमी था जो बड़ा फसादी था।+ वह बिकरी का बेटा था। शीबा ने नरसिंगा फूँककर+ यह ऐलान किया: “दाविद के साथ हमारा कोई साझा नहीं। यिशै के बेटे की विरासत उसी के पास रहे।+ इसराएलियो, तुम सब अपने-अपने देवता के पास* लौट जाओ!”+  तब इसराएल के सब आदमी दाविद के पीछे चलना छोड़कर बिकरी के बेटे शीबा के पीछे चलने लगे।+ मगर यहूदा के आदमियों ने अपने राजा का साथ नहीं छोड़ा। वे यरदन से यरूशलेम तक उसके साथ ही रहे।+  जब राजा दाविद यरूशलेम में अपने महल वापस आया+ तो उसने उन दस उप-पत्नियों को एक अलग घर में रखा, जिन्हें वह महल की देखभाल के लिए छोड़ गया था।+ उसने उस घर पर पहरा लगा दिया। वह उन औरतों को खाना-पीना मुहैया कराता रहा, मगर उसने उनके साथ संबंध नहीं रखे।+ वे अपनी मौत तक उस घर में कैद रहीं और पति के रहते हुए भी उन्हें विधवाओं जैसी ज़िंदगी बितानी पड़ी।  अब राजा ने अमासा+ से कहा, “तीन दिन के अंदर यहूदा के आदमियों को मेरे सामने इकट्ठा कर। तू भी यहाँ हाज़िर होना।”  अमासा यहूदा के सभी आदमियों को इकट्ठा करने निकल गया, मगर वह तय समय के अंदर नहीं आया।  फिर दाविद ने अबीशै+ से कहा, “बिकरी का बेटा शीबा+ हमारे लिए अबशालोम से ज़्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।+ इसलिए तू मेरे सेवकों* को लेकर जल्दी से शीबा का पीछा कर और उसे पकड़ ला ताकि वह किलेबंद शहरों में भागकर हमसे बच न जाए।”  तब योआब के आदमी+ और करेती और पलेती लोग+ और सारे वीर योद्धा उसके* पीछे चल दिए। वे सब बिकरी के बेटे शीबा का पीछा करने यरूशलेम से निकल पड़े।  जब वे गिबोन+ में बड़े पत्थर के पास पहुँचे तो अमासा+ उनसे मिलने आया। योआब उस वक्‍त सैनिक की पोशाक पहने हुए था और उसकी कमर पर तलवार बँधी हुई थी। जब उसने कदम बढ़ाए तो तलवार म्यान से निकलकर नीचे गिर पड़ी।  योआब ने अमासा से कहा, “कैसे हो मेरे भाई?” फिर योआब ने अपने दाएँ हाथ से अमासा की दाढ़ी पकड़ी मानो वह उसे चूमने जा रहा हो। 10  अमासा ने ध्यान नहीं दिया कि योआब के हाथ में तलवार है। योआब ने अमासा के पेट में तलवार भोंक दी+ और उसकी अंतड़ियाँ निकलकर ज़मीन पर गिर पड़ीं। योआब को दोबारा तलवार नहीं चलानी पड़ी, उसका एक ही वार काफी था। इसके बाद योआब और उसका भाई अबीशै, बिकरी के बेटे शीबा का पीछा करने आगे बढ़े। 11  योआब का एक जवान अमासा के पास खड़ा हो गया और कहने लगा, “जो-जो योआब की तरफ हैं और दाविद के लोग हैं, वे सब योआब के पीछे चलें!” 12  अमासा बीच सड़क पर खून से लथपथ छटपटा रहा था और जब सैनिक वहाँ से गुज़रते तो वे रुक जाते थे। यह देखकर वह जवान अमासा को रास्ते से हटाकर मैदान में ले गया। फिर उसने अमासा के ऊपर एक कपड़ा डाल दिया क्योंकि उसने देखा कि वहाँ से गुज़रनेवाला हर कोई वहाँ रुक जाता है। 13  जब उसने अमासा को सड़क से हटा दिया, तो सभी आदमी बिकरी के बेटे शीबा+ को पकड़ने योआब के पीछे चल दिए। 14  शीबा इसराएल के सब गोत्रों के इलाकों से गुज़रता हुआ बेत-माका के हाबिल शहर+ में घुस गया। बिकरी के खानदान के सभी लोग इकट्ठा हो गए और वे भी शीबा के पीछे-पीछे शहर के अंदर चले गए। 15  योआब और उसके आदमी* बेत-माका के हाबिल शहर आए और उन्होंने शहर को घेर लिया, जिसकी दीवारों के चारों तरफ सुरक्षा की एक ढलान थी। योआब और उसके आदमियों ने शहर पर हमला करने के लिए एक ढलान खड़ी की और शहरपनाह तोड़ने लगे। 16  तब उस शहर की एक बुद्धिमान औरत ने शहरपनाह के ऊपर से आवाज़ देकर कहा, “सैनिको सुनो, मेहरबानी करके योआब से कहो कि वह यहाँ आए। मैं उससे कुछ कहना चाहती हूँ।” 17  तब योआब उस औरत के पास गया और उस औरत ने कहा, “क्या तू योआब है?” उसने कहा, “हाँ।” औरत ने कहा, “तेरी दासी कुछ कहना चाहती है।” योआब ने कहा, “बोल, क्या कहना चाहती है।” 18  औरत ने कहा, “हमारे शहर के बारे में गुज़रे ज़माने में यह बात मशहूर थी कि सलाह लेनी हो तो हाबिल जाओ, मामला सुलझ जाएगा। 19  मैं इसराएल के अमन-पसंद और विश्‍वासयोग्य लोगों की तरफ से बात कर रही हूँ। तू ऐसा शहर क्यों नाश करना चाहता है जो इसराएल में बहुत खास है? क्यों यहोवा की दी हुई विरासत मिटाना* चाहता है?”+ 20  योआब ने कहा, “मैं इस शहर को मिटाने, इसे नाश करने की बात सोच भी नहीं सकता। 21  मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं। दरअसल, शीबा+ नाम के आदमी ने, जो एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश+ का रहनेवाला और बिकरी का बेटा है, राजा दाविद से बगावत की है।* वह तुम्हारे शहर में घुस आया है। अगर तुम लोग उसे मेरे हवाले कर दो तो मैं शहर छोड़कर चला जाऊँगा।” तब औरत ने योआब से कहा, “ठीक है, उसका सिर काटकर दीवार के बाहर तेरे पास फेंक दिया जाएगा!” 22  उस बुद्धिमान औरत ने फौरन जाकर शहर के सब लोगों को यह बात बतायी। उन्होंने बिकरी के बेटे शीबा का सिर काट लिया और योआब के पास फेंक दिया। फिर योआब ने नरसिंगा फूँका और उसके सभी आदमी शहर छोड़कर चले गए और अपने-अपने घर लौट गए।+ और योआब राजा के पास यरूशलेम लौट आया। 23  योआब इसराएल की पूरी सेना का सेनापति था।+ यहोयादा+ का बेटा बनायाह,+ करेती और पलेती लोगों का अधिकारी था।+ 24  अदोराम+ जबरन मज़दूरी करनेवालों का अधिकारी था। अहीलूद का बेटा यहोशापात+ शाही इतिहासकार था। 25  शेवा राज-सचिव था और सादोक+ और अबियातार+ याजक थे। 26  याईर के खानदान का ईरा भी दाविद का एक खास मंत्री बना।

कई फुटनोट

या शायद, “तंबू को।”
शा., “अपने मालिक के सेवकों।”
मुमकिन है कि यह अबीशै था।
शा., “वे।”
शा., “निगल जाना।”
शा., “के खिलाफ हाथ उठाया है।”