“सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना”
यहोवा पर हम पूरी तरह भरोसा कर सकते हैं। जब हम उसके नाम का मतलब समझते हैं, तो इस बात पर हमारा यकीन बढ़ जाता है कि वह अपने सभी वादे पूरे कर सकता है। प्रार्थना करने से यहोवा पर हमारा भरोसा बढ़ता है। और अगर हम यहोवा पर भरोसा करें, तो नीतिवचन अध्याय 3 में लिखी बात से हमें यकीन होता है कि यहोवा ‘हमारे लिए सीधा मार्ग निकालेगा।’
जो खुद को बुद्धिमान समझता है . . .
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वह यहोवा से मार्गदर्शन लिए बगैर ही फैसले करता है
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वह खुद पर भरोसा करता है या दुनिया की तरह सोचता है
जो यहोवा पर भरोसा करता है . . .
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वह बाइबल का अध्ययन, मनन और प्रार्थना करके यहोवा के साथ अच्छा रिश्ता बनाता है
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वह कोई भी फैसला करने से पहले यहोवा के मार्गदर्शन के लिए बाइबल के सिद्धांतों की खोज करता है
पहला कदम: जो मुझे सही लगता है, उस हिसाब से मैं फैसला करता हूँ |
पहला कदम: मैं यहोवा से मार्गदर्शन पाने के लिए प्रार्थना और किताबों-पत्रिकाओं में खोजबीन करता हूँ |
दूसरा कदम: मैं यहोवा से प्रार्थना करता हूँ कि वह मेरे फैसले पर आशीष दे |
दूसरा कदम: मैं बाइबल के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए फैसला करता हूँ |