15-21 अक्टूबर
यूहन्ना 13-14
गीत 50 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“मैंने तुम्हारे लिए नमूना छोड़ा है”: (10 मि.)
यूह 13:5—यीशु ने अपने चेलों के पैर धोए थे (“चेलों के पैर धोने लगा” अ.बाइ. यूह 13:5 अध्ययन नोट)
यूह 13:12-14—चेलों का भी फर्ज़ था कि वे ‘एक-दूसरे के पैर धोएँ’ (“चाहिए” अ.बाइ. यूह 13:14 अध्ययन नोट)
यूह 13:15—यीशु के सभी चेलों को उसके नमूने पर चलकर नम्र होना चाहिए (प्र99 3/1 पेज 31 पै 1)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
यूह 14:6—यीशु किस मायने में “राह, सच्चाई और जीवन” है? (“मैं ही वह राह, सच्चाई और जीवन हूँ” अ.बाइ. यूह 14:6 अध्ययन नोट)
यूह 14:12—यीशु पर विश्वास करनेवाले किस मायने में उससे भी “बड़े-बड़े काम” करेंगे? (“इनसे भी बड़े-बड़े काम” अ.बाइ. यूह 14:12 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) यूह 13:1-17
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए और मौका ढूँढ़कर गवाही दीजिए।
दूसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
तीसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 35
“प्यार सच्चे मसीहियों की पहचान है—स्वार्थी मत बनिए और भड़क मत उठिए”: (15 मि.) चर्चा। ‘तुम्हारे बीच प्यार हो’—स्वार्थी मत बनिए और भड़क मत उठिए नाम का वीडियो दिखाइए। समय बचे तो इस बक्स पर चर्चा कीजिए: “बाइबल के इस वाकए पर मनन कीजिए।”
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 18 पै 14-21 और “मनन के लिए सवाल”
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 53 और प्रार्थना