22-28 अक्टूबर
यूहन्ना 15-17
गीत 51 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“तुम दुनिया के नहीं हो”: (10 मि.)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
यूह 17:21-23—यीशु के चेलों को किस मायने में “एक” होना था? (“एक” अ.बाइ. यूह 17:21 अध्ययन नोट; “पूरी तरह से एक हों” अ.बाइ. यूह 17:23 अध्ययन नोट)
यूह 17:24—“दुनिया की शुरूआत” का मतलब क्या है? (“दुनिया की शुरूआत” अ.बाइ. यूह 17:24 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) यूह 17:1-14
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
तीसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
चौथी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) कोई आयत चुनिए और अध्ययन के लिए इस्तेमाल होनेवाला कोई प्रकाशन दीजिए।
बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) खुशखबरी पाठ 14 पै 3-4
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 53
“प्यार सच्चे मसीहियों की पहचान है—अनमोल एकता की हिफाज़त कीजिए”: (15 मि.) चर्चा। ‘तुम्हारे बीच प्यार हो’—चोट का हिसाब मत रखिए नाम का वीडियो दिखाइए। समय बचे तो इस बक्स पर चर्चा कीजिए: “बाइबल के इस वाकए पर मनन कीजिए।”
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 19 पै 1-16
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 41 और प्रार्थना