जीएँ मसीहियों की तरह
प्यार सच्चे मसीहियों की पहचान है—अनमोल एकता की हिफाज़त कीजिए
यह क्यों ज़रूरी है: यीशु ने अपनी मौत से एक रात पहले प्रार्थना की कि उसके चेले “एक हों।” (यूह 17:23) हममें एकता तभी होगी, जब हमें एक-दूसरे से प्यार होगा। प्यार “चोट का हिसाब नहीं रखता।”—1कुर 13:5.
यह हम कैसे कर सकते हैं:
-
यहोवा के जैसे दूसरों की अच्छाइयों पर ध्यान दीजिए
-
दिल खोलकर माफ कीजिए
-
मामला सुलझ गया, तो फिर उसका ज़िक्र मत कीजिए।—नीत 17:9
‘तुम्हारे बीच प्यार हो’—चोट का हिसाब मत रखिए नाम का वीडियो देखिए और नीचे दिए सवालों के जवाब दीजिए:
-
वीडियो के पहले भाग में हेमा ने कैसे ‘चोट का हिसाब रखा’ था?
-
वीडियो के दूसरे भाग में हेमा ने कैसे अपनी गलत सोच सुधारी और सही सोच पैदा की?
-
ऐसा करके हेमा ने मंडली की एकता को कैसे बढ़ावा दिया?